नई दिल्ली : हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के अगले दिन भड़ली नवमी मनाई जाती है। यह दिन अक्षय तृतीया की तरह शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो भड़ली नवमी स्वंयसिद्ध तिथि है। इस तिथि पर सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए किसी ज्योतिष से सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है। आइए, भड़ली नवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 15 जुलाई को शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 15 जुलाई को भड़ली नवमी मनाई जाएगी। इस दिन गुप्त नवरात्र की नवमी भी होगी। इस वर्ष 06 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक गुप्त नवरात्र है। इन नौ दिनों में दस महाविद्याओं की देवी की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की जाती है। तंत्र साधना सीखने वाले साधक इन नौ दिनों में मां की कठिन तपस्या करते हैं।
योग
भड़ली नवमी पर सिद्ध योग सुबह 07 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। साध्य योग 16 जुलाई को सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं, रवि योग पूरे दिन है। भगवान शिव भी भड़ली नवमी पर जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ कैलाश पर विराजेंगे। इस समय में पूजा-भक्ति करना श्रेष्ठकर होगा। साथ ही शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।