Paush Kalashtami 2024 Date: साल की आखिरी कालाष्टमी कब है, जानें इसका महत्व

Update: 2024-12-20 01:43 GMT
Paush Kalashtami 2024 Date: कालाष्टमी हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष व्रत और उत्सव होता है, जिसे विशेष रूप से बाबा काल भैरव और भगवान शिव की पूजा से जोड़ा जाता है। यह व्रत अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का प्रमुख उद्देश्य भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव देव की पूजा करना और बुराई से मुक्ति प्राप्त करना है|
2024 कब है 2024 की आखिरी कालाष्टमी: हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। 23 दिसंबर को शाम 5 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। काल भैरव देव की पूजा संध्या के समय होती है। जो जातक देवी काली की पूजा इस दिन करते हैं वे भी सूरज ढलने के बाद ही करते हैं। 22 दिसंबर को कालाष्टमी मनाई जाएगी।
कालाष्टमी का महत्व: कालाष्टमी का व्रत विशेष रूप से काल भैरव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य जीवन में बाधाओं को दूर करना और पुण्य अर्जित करना है। बहुत सारे स्थानों पर कालाष्टमी के दिन देवी काली की भी पूजा होती है। भक्त उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
काली देवी की पूजा: कालाष्टमी का दिन देवी काली के उपासकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन देवी काली की पूजा से मनुष्यों को उनके समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। काली का रूप रौद्र और शक्तिशाली होता है, जो अंधकार को नष्ट करने और जीवन में शुभता लाने का कार्य करती हैं।
शिव और काली का संबंध: काली देवी का संबंध भगवान शिव से भी है, विशेष रूप से वह शिव की शक्ति के रूप में मानी जाती हैं। कहते हैं कि जब देवी काली ने राक्षसों का संहार किया था, तो उनकी शक्ति के सामने शिव भी भयभीत हो गए थे। तभी भगवान शिव ने उन्हें शांत करने के लिए अपनी ललाट पर उनका पांव रखा था, जिससे काली शांत हुईं। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे शिव और काली की अनोखी संगति और उपासना के रूप में देखा जाता है।
काल भैरव की पूजा: हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन काल भैरव के साथ भगवान शिव की भी पूजा होती है। काल भैरव महादेव शिव के ही रूप हैं। जो की उनके क्रोद्धित होने पर अवतरित हुए थे। कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा और उपवास करने से जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और दुखों का सदा के लिए नाश होता है।
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