कब है इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है

Update: 2022-12-19 06:32 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष उपासना का विधान है और उनकी पूजा प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त्र के बाद की जाती है। पौष मास में प्रदोष व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत (Masik Shivratri 2022) का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी अड़चने दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं कब है वर्ष 2022 का अंतिम प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और शुभ योग।

प्रदोष व्रत मुहूर्त (Pradosh Vrat 2022 Date and Shubh Muhurat)
हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 दिसंबर 2022, मंगलवार को रात 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 21 दिसंबर 2022, बुधवार के दिन सात 08 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 21 दिसंबर 2022 के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार प्रदोष पूजा का समय 21 दिसंबर के दिन शाम 06 बजकर 49 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अर्थात पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटा 57 मिनट है।
प्रदोष व्रत शुभ योग (Budha Pradosh Vrat 2022 Shubh Yoga)
पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। दोनों योग 21 दिसंबर को प्रातः 07 बजकर 03 मिनट से शुरू होंगे और इसका समापन 22 दिसंबर प्रातः 05 बजकर 03 मिनट पर होगा। शास्त्रों के अनुसार इन दोनों योग में पूजा-पाठ करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

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