सोमवती अमावस्या कब? अभी से ही जान लें इस दिन क्या करें और क्या न करें

हिंदू धर्म में हर माह अमावस्या आती है और हर अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है.

Update: 2022-05-21 01:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हर माह अमावस्या आती है और हर अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है. अमावस्या के दिन व्रत, पूजन और पितरों को तिल दिए जाते हैं. साथ ही, इस दिन तर्पण आदि कर पितरों को संतुष्ट किया जाता है. इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन का महत्व अन्य अमावस्या से कई ज्यादा होता है.

साल 2022 में ये इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है. इसके बाद कोई सोमवती अमावस्या नहीं पड़ेगी. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस दिन पूजा आदि करने से पति की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, संतान प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या का व्रत रखा जाता है. आइए जानें इस दिन कौन से किए जाते हैं और कौन से नहीं, ताकि अनजाने में भी आप कोई अपशगुन न कर दें.
सोमवती अमावस्य पर न करें ये काम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन किसी का अनादर या फिर अपमान न करें.
- अपने से छोटे या बड़ों से बात करते समय कड़वे शब्दों का इस्तेमाल न करें.
- इस दिन भूलकर भी श्मशान घाट न जाएं.
- मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा के समय पीपल के पेड़ को हाथ न लगाएं.
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि कर लें. इस दिन देर तक न सोएं.
- सोमवती अमावस्या के दिन शारीरिक संबंध न बनाएं. मांस, मदिरा का सेवन भूलकर न करें.
- इस दिन गलती से भी बाल या नाखून न काटें.
सोमवती अमावस्या के दिन करें ये काम
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद पूजा-पाठ और व्रत आदि करें. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें. इस दिन एकाग्र और स्थिर चित्त से व्रत रखते हुए पूजा करें. इस दिन विधि-विधान से पूजा करें और सभी नियमों का पालन करने से आपके मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
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