कब है सीता नवमी? जानिए इस शुभ दिन का महत्व

सीता नवमी

Update: 2021-05-20 14:51 GMT

सीता नवमी हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है, क्योंकि इस दिन भक्तों ने देवी सीता के जन्म का उत्सव मनाया था. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ये शुभ दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को पड़ता है. इस वर्ष सीता जयंती जिसे जानकी नवमी के रूप में भी जाना जाता है, 21 मई, 2021 को मनाई जाएगी.


इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक दिन का उपवास रखती हैं और उनका आशीर्वाद लेने के लिए भगवान राम और माता सीता की पूजा करती हैं. साथ ही, हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने वाले भक्तों को तीर्थयात्रा और दान का लाभ मिलता है.


सीता नवमी 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त

जानकी नवमी तिथि : 21 मई, शुक्रवार

शुभ तिथि शुरू : दोपहर 12:25 बजे, 20 मई

शुभ तिथि समाप्त : 11:10 पूर्वाह्न, 21 मई

सीता नवमी 2021 पूजा विधि

– जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें

– पूजा के लिए सभी सामग्रियां जैसे फूल, प्रसाद, नए कपड़े आदि इकट्ठा करें

– भगवान राम और माता सीता को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं

– चन्दन का तिलक करें, देवताओं को पुष्प, धूप और भोग अर्पित करें

– सीता नवमी व्रत कथा का पाठ करें और पूजा संपन्न करने के लिए आरती करें

ऐसा कहा जाता है कि पूजा के दौरान अगर भक्त 12 मुखी रुद्राक्ष की माला अपने हाथ या गले में धारण करते हैं, तो ये उनके भीतर की शुद्धि और इच्छाशक्ति को मजबूत करता है.

सीता नवमी 2021 का महत्व

इस दिन, माता सीता, जो माता लक्ष्मी का अवतार हैं, का जन्म पुष्य नक्षत्र में हुआ था. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब मिथिला के राजा जनक यज्ञ करने के लिए भूमि की जुताई कर रहे थे, तो उन्हें सोने की टोकरी में एक बच्ची मिली. क्यूंकि उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने बेटी को गोद लिया और उसका नाम सीता रखा. इसके अलावा, क्यूंकि वो राजा जनक की बेटी हैं, इसलिए उन्हें व्यापक रूप से जानकी के नाम से जाना जाता है.

हालांकि, इस बार कोरोना महामारी के चलते किसी भी तरह के त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने पर पाबंदी लगाई गई है लेकिन आप अपने घर पर ही इस त्योहार को मना सकते हैं. जहां तक व्रत रखने की बात है तो वो आप घर पर ही बड़ी आसानी से रख सकते हैं और माता सीता का आह्वान कर सकते हैं. इस दिन माता सीता के साथ भगवान श्रीराम का भी आपको पूजन करना चाहिए. इससे आपको दोनों का आशीर्वाद मिलता है.


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