कब हैं 'षटतिला एकादशी', जानें कैसे करें व्रत एवं क्या है शुभ मुहूर्त?

हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत ही महत्व होता है. कहा जाता है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से इस एकादशी के व्रत को करे तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है

Update: 2021-01-24 04:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत ही महत्व होता है. कहा जाता है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से इस एकादशी के व्रत को करे तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. एकादशी हर महीने में दो बार आती है और पूरे वर्ष में 24 बार ये एकादशी आती है. इस बार फरवरी महीने में पहली एकादशी 7 फरवरी को पड़ रही है.

फरवरी की पहली एकादशी को षटतिला एकादशी भी कहा जाता है. षटतिला एकादशी के दिन तिल का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है. इस दिन व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में तिल का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार तिल का दान भी करना चाहिए. तिल का दान करने से आपको बहुत सारे पुण्य की प्राप्ति होती है.
षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त
षटतिला एकादशी के दिन एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 फरवरी दिन रविवार को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से हो रहा है और 8 फरवरी दिन सोमवार को 04 बजकर 47 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त हो रही है. षटतिला एकादशी का पारण आप 8 फरवरी दिन सोमवार को 07 बजकर 05 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक कर सकते हैं. इसकी अवधि 2 घंटे 12 मिनट की होगी.
षटतिला एकादशी का महत्व
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस दिन तिल का महत्व बहुत अधिक होता है. ऐसी मान्यता है कि अग इस दिन 6 तरह के तिल का प्रयोग किया जाए तो पापों का नाश होता है और आपको बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. इस दिन तिलों का प्रयोग परम फलदायी माना जाता है. इस दिन आप तिल का इस्तेमाल स्नान, उबटन, आहुति, तर्पण, दान और खाने में अवश्य करें. जो भी व्यक्ति षटतिला एकादशी का व्रत करता है उसे वाचिक, मानसिक और शारीरिक पापों से मुक्ति मिलती है.


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