कब से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्रि , जानिए इसके आराधना के बारे में

इस बार गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। कुल 4 नवरात्रि होते हैं- शरद, चैत्र, माघ और आषाढ़ नवरात्रि। माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है

Update: 2021-02-10 07:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   इस बार गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। कुल 4 नवरात्रि होते हैं- शरद, चैत्र, माघ और आषाढ़ नवरात्रि। माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ तांत्रिक 10 महाविद्याओं को खुश करने की आराधना होती है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए है। माघ माह, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी से 21 फरवरी रविवार तक गुप्त नवरात्र मनाई जाएगी। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 8:34 से 9:59 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:13 से 12:58 बजे तक की जा सकती है। इस बार माघ नवरात्रि दस दिनों की होगी। क्योंकि 17 व 18 फरवरी को दोनों दिन षष्टी तिथि रहेगी।

माघ गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है। दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। इनकी खास आराधना गुप्त नवरात्र में की जाती है।इस पूजन में अखंड जोत प्रज्वलित की जाती है। सुबह एवं संध्या समय में देवी की पूजा अर्चना करना होती है। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जाता है। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत पूर्ण होता है।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त:
नवरात्रि शुरू - शुक्रवार 12 फरवरी 2021
नवरात्रि समाप्त - रविवार 21 फरवरी 2021
कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह 08 : 34 मिनट से 09 : 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 : 13 मिनट से 12 : 58 मिनट तक।
10 दिन मनेगी माघ गुप्त नवरात्री
12 फरवरी - प्रतिपदा मां शैलपुत्री, घटस्थापना।
13 फरवरी - मां ब्रह्मचारिणी देवी पूजा।
14 फरवरी - मां चंद्रघंटा देवी पूजा।
15 फरवरी - मां कुष्मांडा देवी पूजा।
16 फरवरी तिथि - मां स्कंदमाता देवी पूजा।

17 एवं 18 फरवरी षष्ठी तिथि - मां कात्यानी देवी पूजा।
19 फरवरी सप्तमी तिथि - मां कालरात्रि देवी पूजा।
20 फरवरी अष्टमी तिथि - मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी।
21 फरवरी नवमी - मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण।


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