Samudrik Shastra: माथे की लकीर से जाने कितना भाग्यशाली है आप

Update: 2024-08-01 16:15 GMT
सामुद्रिक शास्त्र Oceanography: सामुद्रिक शास्त्र में हाथ की उंगलियों की बनावट, पैरों के आकार और माथे की लकीरों को देखकर व्यक्ति के भविष्य के बारे में कई संकेत देते हैं। बता दें कि माथे की लकीरों को देखकर व्यक्ति के जीवन में भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं, स्वभाव और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मान्यता के अनुसार, व्यक्ति के माथे की कुछ लकीरें सुख-सौभाग्य का प्रतीक होती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के
जरिए
हम आपको माथे की लकीरों से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में...
माथे की पहली लकीर
Oceanography के अनुसार, माथे की पहली लकीर जातक के जीवन में धन-दौलत का प्रतीक मानी जाती है। बता दें कि माथे की पहली लकीर जितनी स्पष्ट और गहरी होती है, वह जातक उतने ही धनी होते हैं। वहीं जिन जातकों के माथे की पहली लकीर स्पष्ट और गहरी नहीं होती है, उनको जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
माथे की दूसरी लकीर
माथे की दूसरी लकीर अच्छी सेहत का प्रतीक मानी जाती है। यह लकीर जितनी साफ और स्पष्ट होती है, उस जातक का स्वास्थ्य उतना ही अच्छा होता है। वहीं जिन लोगों की माथे की यह लकीर स्पष्ट और गहरी नहीं होती है। तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
माथे की तीसरी लकीर
बताया जाता है कि भाग्यशाली लोगों के माथे पर तीसरी लकीर पाई जाती है। बहुत कम लोगों के माथे पर यह लकीर पाई जाती हैSamudrik Shastra: माथे की ये लकीरें जाने कितना भाग्यशाली है आप
माथे की चौथी लकीर
बताया जाता है कि जिन लोगों के माथे पर चौथी लकीर पाई जाती है। उन जातकों को 26-40 साल के बीच कई मुश्किलों का सामना करना प़ड़ता है। लेकिन 40 साल की उम्र में बाद इन जातकों को जीवन में खूब सफलता मिलती है।
माथे की पांचवी लकीर
सामुद्रिक शास्त्र में माथे की पांचवी लकीर को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे लोगों का जीवन Difficulties और चिंताओं में घिरा रहता है।
माथे की छठी लकीर
समुद्र शास्त्र के अनुसार माथे पर छठी रेखा को दैवीय रेखा भी कहा जाता है। यह नाक से सीधे ऊपर की ओर जाती है। जिस व्यक्ति के माथे पर छठी रेखा होती है, ऐसे लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है।
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