Mauni Amavasya kab hai: 28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या, इन चीजों का करें दान, घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि
Mauni Amavasya kab hai: हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह में की अमावस्या तिथि की शुरुआत मंगलवार, 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 37 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन बुधवार 29 जनवरी को होगा. उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा|
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या और सोमवती अमावस्या का विशेष महत्त है. इस पवित्र नदियों में स्नान दान करने से साथ पितरों का तर्पण और पिड़दान भी किया जाता है. कहते हैं इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा कुछ खास वस्तुओं का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इस दिन किन चीजों के दान करना चाहिए|
मौनी अमावस्या पूजा विधि (Mauni Amavasya Puja Vidhi)
मौनी अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदियों में स्नान करें. यदि संभव न हो तो नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं. उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर एक लकड़ी की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और फूल और धूप चढ़ाएं. साथ ही माता लक्ष्मी को सोलह श्रंगार भी आर्पित करे. इसके बाद फल, दूध, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं. मंत्र जाप और आरती कर पूजा संपन्न करें. अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटे|
मौनी अमावस्या पर करें इन चीजों का दान
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन चावल का दान करना बेहद शुभ होता है. चावल को अन्न के रूप में जरूरतमंदों को दान करना शुभ होता है.
इस दिन सफेद तिल का दान भी कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
अगर आप पैसों की तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन आंवला दान में देना चाहिए . मान्यता है कि इससे जीवन में चल रही सभी आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन सरसों के तेल का दान करने से पितरों की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही, शनि दोष के दुष्प्रभावों से भी राहत मिलती है|
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या सभी अमावस्या तिथि में बहुत ही खास मानी जाती है. इस दिन जातक मौन रहकर मन और वाणी की शुद्धि करता है. इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम में देवताओं का वास होता है, इसलिए मौनी अमावस्या पर इन पवित्र नदियों के जल से स्नान किया जाता है. इस दिन जरुरतमंदों को दान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी होती है|