कब है खरमास
खरमास को मलमास भी कहते हैं. मान्यता है कि खरमास लगने पर विवाह करना अशुभ हो जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास साल में दो बार तब लगता है, जब प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन गोचर करते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल खरमास की शुरुआत बुधवार, 16 मार्च 2023 को होगा. जहां खरमास (March Kharmas 2023) शुरू होते ही विवाह, मुंडन और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, वहीं इसका पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है. इस मास में अशुभ फलों से बचने और शुभ फलों की प्राप्ति के कुछ नियम. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगले एक महीने तक आपको कौन से काम नहीं करना चाहिए.
खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं
धर्म विद्वानों के अनुसार एक वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं. इस दौरान ग्रहों के राजा सूर्य का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में होता है. इस घटना को संक्रांति कहा जाता है. कहा जाता है कि सूर्य देव का मीन या कुंभ राशि में प्रवेश अशुभ माना जाता है. ऐसे में सभी जातकों को काफी कष्ट उठाना पड़ता है और उनका कोई भी कार्य सफल नहीं हो पाता है.
19 अप्रैल की रात को होगा खत्म
खरमास को मलमास भी कहते हैं. मान्यता है कि खरमास लगने पर विवाह करना अशुभ हो जाता है. किसी भी तरह के धार्मिक कार्य को करने की भी मनाही होती है. कोई नया व्यापार या काम शुरू नहीं किया जाता है. नई संपत्ति या घर का निर्माण भी अशुभ माना जाता है. इस दौरान गृह प्रवेश या मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य भी नहीं किए जाते हैं. खरमास की यह अवधि इस साल 19 अप्रैल को समाप्त होगी. अगले दिन यानी 20 अप्रैल से गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह, यज्ञ सहित अन्य मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे.