परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीय तिथि को कजरी तीज मनायी जाती है. इस दिन सुहागनें और जो कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करती है वो ये व्रत रखती हैं. ये व्रत निर्जला रहकर किया जाता है. हालांकि गर्भवती स्त्री फलाहार कर सकती हैं. रात को चांद देखने के बाद ही ये व्रत खोला जाता है. किसी कारण वश अगर उस दिन चांद ना दिखे तो रात 11.30 बजे ये व्रत खोला जाता है. कजरी तीज के व्रत को रखने से लेकर इसे खोलने की विधि और क्या खाते हैं ये सब आपको बताते हैं.
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
कजरी तीज 2023 की तिथि 1 सितंबर 2023 को रात 11.50 बजे से शुरु हो रही है जो 2 सितंबर 2023, रात 08.49 बजे तक रहेगी.
भाद्रपद माह कृष्ण तृतीया तिथि पर कजरी तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:57 बजे से सुबह 09:31 बजे तक है. दूसरा शुभ मुहूर्त रात 09:45 बजे से रात 11:12 बजे तक
कजरी तीज के व्रत की विधि
कजरी तीज पर के दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं. कजरी तीज पर जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं जिनका भोग सबसे पहले चंद्रोदय के समय भगवान को लगाते हैं और फिर रात को इसी भोजन के साथ व्रत खोलते हैं.
चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि - कजरी तीज के दिन नीमड़ी माता की पूजा की जाती है और उसके बाद देर रात को चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलते हैं.
चंद्रमा को जल के छींटे देकर रोली, मोली, अक्षत चढ़ायें और फिर भोग अर्पित करें.
अब एक ही जगह खड़े होकर आप आप हाथ में चांदी की अंगूठी और थोड़े से गेहूं के दाने लेकर जल से उसका अर्घ्य दें, और इसके बाद वहीं खड़े चार बार घुमें.
तो इस तरह अगर आप कजरी तीज की पूजा करते हैं तो आपको साल भर भगवान का आशीर्वाद मिलता है. आपके पति की लंबी उम्र होती है. लेकिन ये सारी जानकारी वैदिक ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है.
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