कब है गुड फ्राइडे?जानें गुड फ्राइडे के इतिहास के बारे में
ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का बड़ा महत्व है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का बड़ा महत्व है. ईसा मसीह को जब मृत्युदंड दिया गया था, उस दिन शुक्रवार था. उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया था और फिर उनको सूली पर चढ़ाया गया था. उस शुक्रवार को ईसा मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए थे. तब से उस शुक्रवार को गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं. गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे, होली फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे कहा जाता है. इस साल गुड फ्राइडे 15 अप्रैल को है. गुड फ्राइडे ईस्टर संडे के पूर्व पड़ने वाला शुक्रवार होता है. आइए जानते हैं गुड फ्राइडे के इतिहास के बारे में.
गुड फ्राइडे कैसे मनाते हैं?
गुड फ्राइडे के दिन गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना आयोजित की जाती है. ईसाई समुदाय के लोग सुबह की प्रार्थना में शामिल होते हैं. इस दिन ईसा मसीह के अंतिम क्षणों एवं बलिदान को याद किया जाता है. ईसा मसीह के उपदेशों को पढ़ा जाता है. उनके बताए संदेशों और उपदेशों को स्वयं के जीवन में उतारने का प्रयास किया जाता है.
गुड फ्राइडे क्यों मनाते हैं?
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार, बताया जाता है कि ईसा मसीह येरुशलम में लोगों को ईश्वर का संदेश बताते थे, मानव कल्याण के उपदेश देते थे. लोगों पर उनके उपदेशों का गहरा असर होता था, जिससे प्रभावित होकर लोग ईसा मसीह को ईश्वर मानने लगे. इस तरह की घटना से धर्म के कुछ ठेकेदार चिढ़ने लगे थे.
उन लोगों ने ईसा मसीह के खिलाफ रोम के शासक से शिकायत कर दी. उन लोगों ने राजा से कहा कि ईसा मसीह स्वयं को ईश्वर पुत्र बताते हैं. ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगा और उनको मृत्युदंड का आदेश सुनाया गया.
उनको क्रूस पर कील की मदद से लटका दिया गया. उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. इस घटना से उनके अनुयायी दुखी और निराश हो गए. वह शुक्रवार का दिन गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाने लगा.
हालांकि तीसरे दिन रविवार को वे दोबारा जीवित हो उठे. जिसकी खुशी में ईस्टर का त्योहार मनाया जाता है. इसे ईस्टर संडे कहते हैं.