Rukmini Ashtami ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रुक्मिणी अष्टमी को खास माना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उपवास भी रखा जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से देवी कृपा प्राप्त होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी रुक्मिणी माता लक्ष्मी का ही रूप हैं इनकी पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है साथ ही इच्छाएं भी पूरी हो जाती हैं। इस साल रुक्मिणी अष्टमी का त्योहार 23 दिसंबर दिन सोमवार यानी आज मनाया जा रहा है तो आज हम आपको पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त बता रहे हैं।
रुक्मिणी अष्टमी की तारीख और मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 23 दिसंबर को शाम 5 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रुक्मिणी अष्टमी का पर्व 23 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस पावन दिन भगवान कृष्ण के साथ देवी रुक्मिणी की पूजा करना लाभकारी होगा।
आपको बता दें कि रुक्मिणी अष्टमी को रुक्मिणी जयंती के नाम से भी जाना जाता है जो कि हिंदू चंद्र माह पौष में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है। इस पर्व को देवी रुक्मिणी के जन्म लेने के उत्सव में मनाया जाता है।