कब है बड़ा मंगल, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमानजी की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

Update: 2022-05-15 05:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमानजी की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है मंगलवार के दिन संकटमोचन हनुमान जी की पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा पाठ करने से वे प्रसन्न होते हैं। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाला प्रत्येक मंगल बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहलाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगल पर विधि विधान से हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से साधक को प्रत्येक कष्ट और बाधा से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले ये मंगलवार काफी खास हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी सुनने को मिलती है। कहते हैं कि वन में विचरण करते हुए श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र (पुरोहित) के रूप में इसी दिन हुआ था। एक अन्य कथा के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था, तो हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम के घमंड को तोड़ा था। इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं बड़ा मंगल कब से आरंभ हो रहे हैं।

कब है बड़ा मंगल
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दशरथनंदन श्री राम पहली बार हनुमान जी से ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही मिले थे, इसलिए इसे बड़ा मंगलवार के नाम से जाना जाता है। ज्येष्ठ माह का आरंभ 17 मई से है और समापन 14 जून को है। इस साल ज्येष्ठ महीने की खास बात यह है कि इसका प्रारंभ और समापन दोनों मंगलवार के दिन होगा। ज्येष्ठ मास में इस बार पांच बड़े मंगल मिलेंगे। इस वर्ष 17 मई, 24 मई, 31 मई, 7 जून और 14 जून को बड़े मंगल पड़ रहे हैं।
बड़ा मंगल का महत्व
बड़े मंगल या बुढ़वा मंगल को हनुमान जी की पूजा अर्चना और व्रत आदि का विशेष महत्व है। इस दिन लोगों को दान करना चाहिए। प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों से निवारण के लिए हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार को कई मंदिरों में भंडारे भी करवाए जाते हैं। मान्यता है कि इस माह के मंगलवारों को जो भक्त बजरंगबली की पूजा और व्रत करता है, उसके जीवन की नकारात्मक दूर होने के साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
बड़े मंगल की पूजन विधि
बड़े मंगलवार के दिन ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
इसके उपरांत हनुमानजी को लाल रंग का चोला चढ़ाएं।
चोला चढ़ाते समय हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
इसके उपरांत उनको गुलाब की माला अर्पित करें।
हनुमान जी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा केवड़े का इत्र लगाएं।
इसके बाद पान के पत्ते पर जरा सा गुड़ और चना रखकर बजरंगबली को भोग लगाएं।
इस मंत्र का करें जाप

ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार के दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए नीचे लिखे मंत्र का तुलसी की माला से जाप करें। ये जाप कम से कम 5 माला होनी चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
धनलाभ के लिए करें ये उपाय
बड़े मंगलवार के दिन स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़कर उसे पानी से साफ कर हनुमान जी के समक्ष रखें। इसके बाद केसर से उस पत्ते पर श्रीराम लिखें और अपने पर्स में रख लें। ऐसा करने से आपको कभी भी धन कमी नहीं होगी।
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