ग्रहों का हमारे जीवन पर काफी गहरा असर पड़ता हैं। व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की चाल, उनकी दशा और दिशा जीवन में होने वाली घटनाओं को संचालित किया जाता है। बता दें कि कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ और अशुभ परिणाम देती है। ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति को अंच्छे संकेत मिलते हैं और ग्रह के अशुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में परिशानियां आती है।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको शनि दोष के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें कि इस दोष के होने पर व्यक्ति के जीवन में अशांति फैल जाती है। आइए जानते हैं शनि दोष क्या है और इसके लक्षण व बचाव के बारे में भी जानेंगे।
कुंडली में शनिदोष
बता दें कि शनि का क्रोधित होना और ग्रह से दंडनायक देवता बनना ही शनि दोष का कारण होता है।
किसी राशि में शनि देव का न्यायकर्ता के रूप में स्थान लेना शनि दोष उत्पन्न करता है।
कुंडली में कब लगता है शनि दोष
जब किसी जातक की कुंडली में शनिग्रह वक्री होता है, या फिर शनि नीच स्थिति में आ जाता है तो शनि दोष लगता है।
वहीं किसी जीव की हत्या करने पर भी जातक की कुंडली में शनि दोष लगता है।
पत्नी का अपमान करने और उसके साथ अभद्र व्यवहार करने से कुंडली में शनिदोष लगता है।
वहीं शनि पूजा के दौरान जान-बूझकर की गई भूल से भी कुंडली में शनि दोष लगता है।
शनि दोष के लक्षण
नकारात्मकता (नकारात्मकता दूर करने के उपाय) की ओर बढ़ना।
कम उम्र में जरूरत से ज्यादा बालों का झाड़ना।
बुरी आदतें जैसे चोरी, छल-कपट करना।
समय से पहले आंखों का कमजोर होना।
भगवान से दूर होने का विचार आना।
ज्यादातर सिर में दर्द रहना।
आलस्य की सीमा पार कर देना आदि।
जानिए शनि दोष के उपाय
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए जातक को शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।
शनिवार के दिन व्यक्ति को शनिदेव को उड़द की दाल अर्पित करनी चाहिए।
शनिवार के दिन घर में शमी का पौधा लगाना चाहिए।
शनिवार के दिन व्यक्ति को शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए।
रोजाना बुजुर्ग की सेवा आदि करनी चाहिए। भूलकर भी उनका अनादर ना करें।