घर बनाते समय दिशा क्या होनी चाहिए
नए घर में पुताई करवाते समय कभी भी रंगो को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं होती।
जीवन के संघर्षों के बीच एक सुंदर घर-परिवार, मोटर-वाहन आदि होने की लालसा सभी मनुष्यों में होती है। ऐसे में यदि आप अपने सपनों का घर बनवाने की सोच रहे हैं तो वास्तु शास्त्र में दी गई सलाहों की अवमानना बिल्कुल ना करें। वहीं कुछ विशेष बातों का ख्याल भी रखें। आइए आज हम आपको कुछ विशेष वास्तु टिप्स बताते हैं, जो आपके नए घर को खुशियों से भर देने में मददगार साबित होंगी।
घर बनाते समय दिशा क्या होनी चाहिए?
नया घर बनाते समय दिशा का ख्याल करना बेहद जरूरी माना जाता है भारत में वास्तु शास्त्र के हिसाब से पूर्व और उत्तर दिशा में 90 फ़ीसदी से अधिक घर बनाए जाते हैं। क्योंकि यह दिशाएं सुख समृद्धि कि द्योतक होती हैं। वे लोग जो वास्तुशास्त्र के नियम का पालन नहीं करते कहीं ना कहीं इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
घर के छत की सीढ़ियों को पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए क्योंकि उत्तर पूर्व दिशा घर के छत किसे योगियों के लिए शुभ नहीं मानी जाती हैं ऐसा माना जाता है कि आय संबंधी दिक्कतें सीढ़ियों के उचित जगह पर ना होने पर उत्पन्न हो सकती हैं।
घर बनाते समय रंगों का रखें ध्यान
नए घर में पुताई करवाते समय कभी भी रंगो को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं होती। लेकिन नए घर में लाल रंग से पुताई करवाना अशुभ माना जाता है। लाल के अलावा अन्य किसी भी रंग को उपयोग में लाया जा सकता है।
नए घर के लिए जब भी जमीन या नया घर खरीदने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि घर या जमीन के बगल में बड़ी बिल्डिंगें ना हों। वास्तु के अनुसार ऐसा अशुभ होता है, साथ में जिस तरह आपका घर दबा रहेगा उसी तरह आप भी कर्जे में दबे रहेंगे।
नए घर के निर्माण के समय ध्यान दें कि घर के पास पीपल, वट के वृक्ष नहीं होने चाहिए। बेर, अनार, आदि जिस घर में होते हैं। उस घर में तरक्की नहीं होती। आंगन में नींबू का पेड़ व कटीले वृक्ष नहीं होने चाहिए। घर के सामने मदार का पेड़ शुभ माना गया है।
घर में बनाए गए सेप्टिक टैंक, वाटर टैंक अथवा किसी भी प्रकार के भूमिगत टैंक को पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए।