हनुमान जी के जन्म के पीछे की क्या है कहानी

Update: 2023-04-04 15:48 GMT
हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रुद्रावतार हनुमान (Hanuman Jayanti 2023 ) जी का जन्म दिवस बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 6 अप्रैल 2023, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. आपको बता दें कि इस शुभ अवसर पर हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से साधकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ती होती है. गौरतलब है कि हनुमान जी के जन्म के 6 दिन पहले ही राम जी का जन्म हो जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि राम जी के जन्म के 6 दिन बाद हनुमान जी का जन्म मात्र संयोग है या फिर इसके पीछे कोई बड़ा रहस्य है.
रामजी के जन्म के 6 दिन बाद जन्में भगवान हनुमान
मान्यतानुसार, हनुमान जी (Hanuman Jayanti 2023) भगवान राम के परम भक्त हैं. इसलिए उन्हें राम भक्त हनुमान भी कहा जाता है. संयोग की बात है कि भगवान राम के जन्म के 6 दिन बाद ही हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. यानी भगवान राम के जन्म के छह दिन बाद उनके भक्त हनुमान जी का भी जन्म हुआ था. इस साल 30 मार्च 2023 को रामनवमी का त्योहार मनाया गया और इसके ठीक छह दिन बाद अब 6 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाने वाला है.
रामजी के जन्म के बाद हनुमान जी के जन्म का कारण
हममे से बहुत सारे लोग रामजी के जन्म से ठीक 6 दिन बाद भगवान हनुमान के जन्म की घटना को संयोग मान सकते हैं. लेकिन यह संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा कारण है. आपको बता दें कि तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं- ‘भीम रूप धरि असुर संहारे. रामचंद्रजी के काज संवारे’. इसका अर्थ है कि, राम जी सबके बिगड़े काम बनाते हैं, लेकिन उनके काम हनुमानजी बनाते हैं. यही कारण है कि प्रभु राम की सहायता करने के लिए हनुमान जी का जन्म रुद्र के 11वें अवतार के रूप में धरती पर हुआ था.
आपको बता दें कि हनुमान जी शिव के 11वें रुद्रावतार और भगवान राम विष्णुजी के 7 वें अवतार हैं. मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में पृथ्वीलोक पर असुरों का संहार करने के लिए एक सामान्य मनुष्य के रूप में जन्म लिया, तो शिवजी चिंतित हो गए. इस कारण प्रभु की सहायता के लिए वे स्वयं भी हनुमान का अवतार लेकर उनकी सहायता के लिए धरती पर अवतरित हुए. इसी दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है.
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