Mahakumbh 2025 Amrit snan: जानिए शाही स्नान का नाम अमृत स्नान क्यों रखा गया
Mahakumbh 2025 Amrit snan: आस्था के महापर्व महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान बहुत से श्रद्धालुओं नें त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं महाकुंभ शुरू होने से कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया, लेकिन जहां सालों से इस महाकुंभ के इस स्नान को शाही कहा जाता था, तो अचानक इस बदलकर अमृत स्नान क्यों किया गया आइए जानते हैं. इसके पीछे की वजह|
शाही स्नान को क्यों दिया अमृत स्नान नाम-
मकर संक्रांति के दिन यानी जैसे ही सूर्य देव ने धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश किया. तब महाकुंभ का पहला अमृत स्नान किया गया. मकर संक्रांति के पर ब्रह्म मुहूर्त में प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और परंपरा के अनुसार सबसे पहले सभी अखाड़ों के साधु-संतों, आचार्य, महामंडलेश्वर, अघोरी और पुरुष और महिला नागा साधुओं ने स्नान किया|
रिपोर्ट के अनुसार, विधिवत स्नान और पूजन के बाद जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने अमृत का मतलब समझाते हुए बताया कि बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रवेश होने के साथ मकर राशि में सूर्य और चंद्रमा का भी प्रवेश हुआ है. यह ऐसा संयोग 12 वर्षों में एक बार बनता है, जो अमृत योग कहलाता है, इसलिए महाकुंभ में मकर संक्रांति का स्नान असल में अमृत योग है, जहां स्नान से अमृत जैसा फल देता है|
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बदले नाम-
शाही स्नान के नाम को बदलने को लेकर अखाड़ों और संतों की ओर से लगातार मांग की जा रही थी. इसके लिए दो नाम के सुझाव सामने आए थे जिसमें पहला था राजसी स्नान और दूसरा था अमृत स्नान. अखाड़ों और संतों की मांग पूरी करते हुए सरकार ने शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान किया है. वहीं अखाड़ों और संतों ने पेशवाई का नाम बदला है. पेशवाई के लिए छावनी प्रवेश, प्रवेशाई या नगर प्रवेश करने की मांग की गई थी. सरकार ने इस बदलकर नगर प्रवेश किया है|