वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ का क्या है महत्व

Update: 2023-05-14 14:43 GMT
बरगद के पेड़ का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इस पेड़ की जड़ें काफी लंबी और दूर-दूर तक फैली होती हैं. कहा जाता है कि बरगद के पेड़ के नीचे भगवान का वास होता है. इसलिए हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है. स्वयं भगवान शिव वट वृक्ष के नीचे समाधि लगाकर बैठे थे.आइये जानते हैं बरगद के पेड़ से जुड़ी कुछ खास मान्यता के बारे में.
हिंदू धर्म की महिलाएं साल में एक बार वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. इस व्रत का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है. इसलिए हिंदू धर्म की महिलाएं पूजा करती हैं.
भगवान शिव ने पेड़ के नीचे तपस्या की थी
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने भी बरगद के पेड़ के नीचे समाधि लगाकर तपस्या की थी. बरगद के पेड़ के पत्ते पर भगवान कृष्ण मार्कंडेय को दिखाई दिए. देवी सावित्री आज भी अक्षयवट में निवास करती हैं. इसलिए बरगद के पेड़ का महत्व और भी बढ़ जाता है.
जानिए बरगद के पेड़ के बारे में कुछ खास बातें
हिंदू शास्त्रों के अनुसार बरगद के पेड़ की लताएं और जड़ें दूर-दूर तक फैली होती हैं. साथ ही लताएं भी लंबे समय तक लटकती रहती हैं. इसका अर्थ स्पष्ट है कि बरगद के पेड़ में जिस प्रकार लताएं और जड़ें फैलती हैं. इसी प्रकार पृथ्वी का विस्तार भी होता है. कलयुग में मनुष्य जितने अधिक पाप करता है, उसे उतने ही अधिक पुण्य कर्म करने की आवश्यकता होती है. बरगद के पेड़ की खासियत आज भी देखी जा सकती है.
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