क्या है हनुमान बाहुक, जानिए इसके बारे में सब कुछ

कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं, जो धरती पर मौजूद हैं. ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा-पाठ और भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट और संकट दूर होते हैं

Update: 2022-06-23 15:34 GMT

कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं, जो धरती पर मौजूद हैं. ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा-पाठ और भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट और संकट दूर होते हैं. इसलिए मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है. जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार के दिन नियम अनुसार हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक का पाठ आदि करने की सलाह दी जाती है. वहीं, शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान बाहुक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

हनुमान बाहुक क्या है?
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान बाहुक स्तोत्र बेहद शक्तिशाली है. मान्यता है कि कलयुग में तुलसीदास जी को शारीरिक पीड़ा, वात रोग के कारण शरीर की जकड़न आदि होने पर तुलसीदास जी ने हनमुान बाहुक की रचना की थी. इस स्तोत्र का पाठ करने से तुलसीदास जी के शरीर के सभी कष्ट और रोग दूर हो गए थे. इसलिए शारीरिक कष्टों से मुक्ति के लिए हनुमान बाहुक का पाठ किया जाता है.
हनुमान बाहुक के फायदे

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान बाहुक का पाठ करने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही, लंबे समय से अटके काम पूरे होते हैं.
- गठिया या वात रोग से पीड़ित लोग, सिर दर्द, जोड़ों के दर्द और गले की समस्या से परेशान लोगों को हनुमान बाहुक का पाठ 21 या 26 दिन तक लगातार करने की सलाह दी जाती है
हनुमान बाहुक पाठ की विधि-
- हनुमान बाहुक का पाठ आरंभ करने से पहले मंगलवार के दिन हनुमान जी की तस्वीर के सामने एक लोटा जल भरकर उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. इसके साथ ही स्तुति करें. इसके बाद तुलसी के पत्ते के साथ ही इस जल को खुद ही ग्रहण कर लें. ऐसा करने से सभी शारीरिक कष्ट और रोगों से मुक्ति मिलती है.


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