क्या होता है मलमास, 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होगा साल 2023

आमतौर पर आपने अंग्रेजी कैलेंडर में लीप ईयर के बारे में सुना होगा, जिसमें फरवरी माह में 29 दिन होते हैं

Update: 2022-12-15 10:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आमतौर पर आपने अंग्रेजी कैलेंडर में लीप ईयर के बारे में सुना होगा, जिसमें फरवरी माह में 29 दिन होते हैं और तीन साल में एक बार आता है. बिल्कुल इसी तरह हिंदी कैलेंडर में मलमास का महीना होता है. जो कि तीन साल में एक बार आता है और इसे पुरुषोत्तममास भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कब से कब तक रहेगा मलमास और इसका महत्व.

क्या होता है मलमास?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह आता है जिसे मलमास या पुरुषोत्तममास कहा जाता है. पंचांग के अनुसार जब सूर्य ग्रह राशि बदलकर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है. ऐसे में 12 राशियां और 12 संक्रांति होती हैं. लेकिन जिस माह संक्रांति नहीं होती यानि सूर्य राशि नहीं बदलते उस माह मलमास होता है. मलमास में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य वर्जित माना गया है.
2023 में कब लगेगा मलमास?
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में 18 जुलाई 2023 से लेकर 16 अगस्त 2023 तक मलमास रहेगा. मलमास हर साल नहीं, बल्कि केवल तीन साल में एक बार ही आता है.
मलमास का महत्व
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह का अपना एक विशेष महत्व होता है और इसी मलमास का भी खास महत्व है. मलमास जिसे कई जगह अधिकमास भी कहा जाता है यह पूरी तरह भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस माह विधि-विधान के साथ विष्णु भगवान का पूजन किया जाता है. मलमास में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. यानि ऐसे में शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि नहीं किए जाते. हालांकि, दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा और पूजा के लिए यह माह बहुत शुभ होता है. कहते हैं कि दान-पुण्य करने से मलमास के अशुभ फल समाप्त हो जाते हैं और पापों का नाश होता है.

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