हर किसी के जीवन में ग्रह नक्षत्र और कुंडली का खास महत्व होता हैं अगर जातक की कुंडली में कोई ग्रह कमजोर होता हैं और शुभ फल प्रदान करता है तो इसका बुरा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को मिलता हैं ऐसे में अगर आपकी कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हैं या फिर ये अशुभ फल प्रदान कर रहा हैं तो इससे धन से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
ज्योतिष की मानें तो कमजोर बुध आर्थिक संकट व तरक्की में बाधा पैदा करता हैं ऐसे में अगर आप इस ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करें इसके बाद बुध ग्रह का ध्यान करते हुए श्री बुध स्तोत्र का 11 बार पाठ जरूर करें माना जाता हैं कि इस उपाय को करने से बुध ग्रह मजबूत हो जाता हैं और शुभ फल प्रदान करता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री बुध स्तोत्र पाठ।
श्री बुध स्तोत्र-
अस्य श्रीबुधस्तोत्रमहामन्त्रस्य वसिष्ठ ऋषिः । अनुष्टुप्छन्दः ।
बुधो देवता । बुधप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।
ध्यानम्
भुजैश्चतुर्भिर्वरदाभयासिगदं वहन्तं सुमुखं प्रशान्तम् ।
पीतप्रभं चन्द्रसुतं सुरेढ्यं सिम्हे निषण्णं बुधमाश्रयामि ॥
बुध स्तोत्रम्
पीताम्बरः पीतवपुः पीतध्वजरथस्थितः ।
पीयूषरश्मितनयः पातु मां सर्वदा बुधः ॥ १॥
सिंहवाहं सिद्धनुतं सौम्यं सौम्यगुणान्वितम् ।
सोमसूनुं सुराराध्यं सर्वदं सौम्यमाश्रये ॥ २॥
बुधं बुद्धिप्रदातारं बाणबाणासनोज्ज्वलम् ।
भद्रप्रदं भीतिहरं भक्तपालनमाश्रये ॥ ३॥
आत्रेयगोत्रसञ्जातमाश्रितार्तिनिवारणम् ।
आदितेयकुलाराध्यमाशुसिद्धिदमाश्रये ॥ ४॥
कलानिधितनूजातं करुणारसवारिधिम् ।
कल्याणदायिनं नित्यं कन्याराश्यधिपं भजे ॥ ५॥
मन्दस्मितमुखाम्भोजं मन्मथायुतसुन्दरम् ।
मिथुनाधीशमनघं मृगाङ्कतनयं भजे ॥ ६॥
चतुर्भुजं चारुरूपं चराचरजगत्प्रभुम् ।
चर्मखड्गधरं वन्दे चन्द्रग्रहतनूभवम् ॥ ७॥
पञ्चास्यवाहनगतं पञ्चपातकनाशनम् ।
पीतगन्धं पीतमाल्यं बुधं बुधनुतं भजे ॥ ८॥