27 फरवरी को है विजया एकादशी, जानें पूजा विधि और महत्व

लेकिन इस व्रत से जुड़े नियम एक दिन पहले शुरू हो जाते हैं. आगे जानेते हैं इस बारे में.

Update: 2022-02-26 18:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vijaya Ekadashi 2022: एकादशी का व्रत सभी व्रतों में प्रचीन और शुभ फल देने वाला माना गया है. पौराणिक कथा के मुताबिक खुद महादेव ने नारदजी को इस व्रत का महत्व बताया था. कथा के मुताबिक विजया एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है. विजया एकादशी के व्रत के प्रभाव से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इस बार विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022) का व्रत 27 फरवरी को रखा जाएगा, लेकिन इस व्रत से जुड़े नियम एक दिन पहले शुरू हो जाते हैं. आगे जानेते हैं इस बारे में.

विजया एकादशी पूजा-विधि (Vijaya Ekadashi 2022 Puja Vidhi)
शास्त्रों के मुताबिक विजया एकादशी व्रत के लिए एक दिन पहले यानि आज एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान्य रखें. इसके बाद इस पर सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश रखें. इसके बाद एकादशी के दिन सुबह स्नान के पश्चात् व्रत का संकल्प लें. फिर कलश में पंच पल्लव रखकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. इसक बाद धूप-दीप, चंदन, फूल, फल इत्यादि से भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजन के बाद व्रत कथा पढ़ें. रात के वक्त भगवान का स्मरण करते हुए भजन-कीर्तन करें. द्वादशी के दिन श्रद्धापूर्वक ब्राह्मण भोजन करवाएं. इसके बाद कलश का दान करने के पश्चात् व्रत का पारण करें.
व्रत के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
इस दिन उपवास रखना अच्छा माना गया है. ऐसे में अगर उपवास रखते हैं तो उत्तम होगा. अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो सिर्फ एक वेला सात्विक भोजन करें. एकादशी के दिन चावल या भारी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. व्रत के दौरान क्रोध ना करें. कम बोलों और आचरण अच्छा रखें. साथ ही दिन में सोने से बचें.
विजया एकादशी शुभ मुहूर्त (Vijaya Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)
विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी, रविवार के दिन रखा जाएगा. व्रत का पारण का शुभ मुहूर्त 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक है.


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