Ganesh Jayanti जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Update: 2025-01-26 13:53 GMT
Ganesh Jayanti ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन को देशभर में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे- गणेश जयंती, माघ विनायक चतुर्थी, तिल कुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी। हिंदू धर्म में गणेश जयंती का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति को बुद्धि, बल और सुख-समृद्धि की
प्राप्ती होती है।
कब है गणेश जयंती
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 फरवरी 2025 शनिवार को सुबह 11:38 बजे से शुरू होकर 2 फरवरी 2025 रविवार को सुबह 9:14 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर गणेश जयंती 1 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
गणेश जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश जयंती के दिन मध्याह्न गणेश पूजा का समय सुबह 11:38 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक रहेगा। इस दौरान भक्तों को पूजा के लिए कुल 2 घंटे 2 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा, इस दिन सुबह 9:02 बजे से रात 9:07 बजे तक चंद्रमा के दर्शन वर्जित माने गए हैं।
गणेश जयंती पूजा विधि
गणेश जयंती के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल से पवित्र करें। एक चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति को जल, दूध, शहद और दही से स्नान कराएं। इसके बाद धूप-दीप जलाएं और गणेश मंत्रों का जाप करते हुए पूजा आरंभ करें। भगवान को फूल, रोली, दुर्वा, सुपारी, फल और मिठाई अर्पित करें। गणेश जयंती की कथा का पाठ करें और सुनें। अंत में भगवान गणेश की आरती करके पूजा को संपन्न करें।
गणपति पूजा मंत्र
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
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