Vastu Tips: दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए अपनाएं ये नियम

Update: 2024-07-15 10:13 GMT
Vastu Tips: कुछ दुकानों की तरफ ग्राहक नजर उठाकर भी नहीं देखते लेकिन कुछ दुकानों की तरफ ग्राहक रहस्यमयी तरीके से खिंचे चले जाते है। आपने कभी सोचा है, आखिर ऐसा क्यों होता है? व्यापार में सफलता अथवा असफलता प्रमुख रूप से कुछ बातों पर निर्भर करती है, जिसमें दुकानदार का भाग्य, उसकी अच्छी बुरी ग्रह-दशा तथा दुकान की वास्तु व्यवस्था जिम्मेदार होती है। यदि ज्योतिष तथा वास्तु के सुनहरे नियमों का पालन कर, दुकान परिसर में कुछ सुधार किया जाए और दुकानदार की जन्म कुण्डली के आधार पर कुछ उपाय जैसे शुभ रत्न धारण इत्यादि कराया जाए तो व्यापार में वृद्धि के साथ-साथ दुकानदार के भाग्य में चार चांद लग सकते हैं।
-दुकान में जिस चीज (वस्तु) की बिक्री नहीं हो रही हो, उसे हमेशा वायव्य कोण (उत्तर एवं पश्चिम के मध्य की दिशा) में रखना चाहिए। वायव्य कोण में रखी गयी वस्तु तेजी से बिक जाती हैं।
-दुकान, संस्थान अथवा प्रतिष्ठान में सजावट के लिए कभी कांटे वाले पेड़-पौधे जैसे Cacts (नागफनी), बोन्साई आदि नहीं लगाना चाहिए इससे बरकत होना बंद हो जाती है, क्योंकि व्यवसायिक स्थल पर नागफनी, सूखे फूल, जानवरों के सिर, खाले नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते है। कांटेदार पौधे भी नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर, विषैले बाण का कार्य करते हैं, जो बहुत ही हानिकारक सिद्ध होते है। बोनसाई का पौधा देखने में तो सुन्दर व आकर्षक लगता है लेकिन जीवन के विकास, प्रसिद्धि, कैरियर, व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
-दुकान अथवा ऑफिस परिसर में हमेशा ताजे कांटे रहित फूल रखना चाहिए ताकि पॉजिटिव ऊर्जा से आपकी दुकान में समृद्धि बनी रहे।
-व्यवसायिक स्थल, ऑफिस या प्रतिष्ठान पर टाइटैनिक जैसे पानी में डूबते हूए जहाज की तस्वीर भूल कर भी नहीं लगानी चाहिए। ऐसी तस्वीरों के प्रभाव से उत्पन्न उर्जा आपके व्यापार को डूबा सकती है।
-अगर दुकानदार का दुकान में मन नहीं लगता, गल्ले में बरकत नहीं होती, रूपया पैसा बराबर आता रहता है परन्तु बचत नहीं होती तो नित्य श्री सूक्त का पाठ अथवा लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। गल्ले में लाल कपड़ा बिछाकर श्री यंत्र, महालक्ष्मी तथा कुबेर यंत्र शुभ मुहूर्त में तीनों एक साथ स्थापित करना चाहिए।
-दि आपका व्यापार मंद चल रहा है तो दक्षिण दिशा की चार दीवारी के parapet पर ईटों की चिनाई कराकर उसे ऊंचा करा दें, दक्षिण की दीवार ऊंची करने पर आप स्वयं अपने व्यवसाय में तेजी अनुभव करेंगे।
-व्यापार में लाभ, वृद्धि एवं समृद्धि हेतु दुकान, संस्थान एवं प्रतिष्ठान के मुख-द्वार के दोनों ओर गणेश जी की मूर्ति इस प्रकार लगानी चाहिए कि एक की नजर दुकान के अन्दर पड़े, तो दूसरे की नजर बाहर की ओर पड़े।
-प्रतिदिन दुकान एवं प्रतिष्ठान की सफाई करते वक्त पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर पोछा लगाना चाहिए। यह नमक मिला पानी ‘नकारात्मक’ ऊर्जा को दुकान से दूर करने में सहायक होता है। इस सरल प्रयोग से घर, दुकान या प्रतिष्ठान के
नकारात्मक
प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
-दुकान का शटर बंद करते समय शटर के कुन्दे को पैर से खिसकाकर बन्द नहीं करना चाहिए। शटर अथवा ताले पर लात मारने से धीरे-धीरे दुकान की बिक्री प्रभावित होने लगती है।
-प्रातः काल दुकान का ताला खोलते समय दुकान के मुख्य द्वार को Touch कर माथे से लगाना चाहिए तथा रात्रि में ताला लगाते समय भी यही प्रक्रिया दोहरानी चाहिए। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यवसाय में स्थायित्व तो आता ही है, साथ में दुकान की सुरक्षा भी होती है
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