Bhanu Saptami ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन भानु सप्तमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान सूर्यदेव की पूजा अर्चना का दिन होता है इस दौरान भक्त भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं मान्यता है कि सूर्य साधना करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है और सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है इसके अलावा समृद्धि भी बढ़ती है।
पंचांग के अनुसार भानु सप्तमी का व्रत इस बार पौष मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य साधना फलदायी होती है मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से सौभाग्य और आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है और सालभर सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है। इस साल की आखिरी भानु सप्तमी 22 दिसंबर को मनाई जाएगी, ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख दवारा पूजा विधि बता रहे है। तो आइए जानते हैं।
यहां देखें संपूर्ण पूजा विधि-
भानु सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। अब पूरी श्रद्धा के साथ उगते सूर्य के दर्शन करें। फिर तांबे के लोटे में जल और थोड़ा गंगाजल मिलाएं। इसके बाद गुड़ मिलाकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करें इस दौरान श्ॐ घृणिः सूर्याय नमःश् भगवान सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप जरूर करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अगर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाए तो भगवान जल्दी प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।
भानु सप्तमी मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार पौष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि का आरंभ 21 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार इस साल भानु सप्तमी 22 दिसंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी। जो कि साल की आखिरी भानु सप्तमी होगी।