बेहद शुभ और गुणकारी है हल्दी, हर शुभ काम और पूजा-पाठ में होता है उपयोग
हल्दी बेहद गुणकारी होने के साथ-साथ शुभता का प्रतीक भी मानी गई है. इसलिए हर शुभ कार्य में हल्दी का उपयोग किया जाता है. इसमें दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले हल्दी लगाना भी शामिल है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हल्दी वैसे तो एक मसाला है लेकिन इसका उपयोग कई जगहों पर किया जाता है. चाहे वह घरेलू नुस्खे हो, आयुर्वेदिक उपचार हो, ब्यूटी ट्रीटमेंट हो, पूजा-पाठ हो या शादी-निकाह जैसे शुभ काम हों. हल्दी में छिपे गुण तो उसे खास बनाते हीं हैं, साथ ही उसे धर्म-शास्त्रों में भी बहुत शुभ बताया गया है. यहां तक कि हिंदू धर्म में तो बिना हल्दी के पूजा-पाठ अधूरे ही माने जाते हैं. पूजा-पाठ, शुभ कामों में हल्दी पाउडर और साबुत हल्दी दोनों का ही उपयोग होता है. वहीं शादी की बात करें तो हर दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले हल्दी लगाई जाती है.
दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाते हैं हल्दी?
हिंदू धर्म में विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है और इसके लिए बाकायदा रस्म होती है. ऐसा करने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण जिम्मेदार हैं. दरअसल, संसार के पालनहार भगवान विष्णु को हल्दी बहुत प्रिय है. उनकी पूजा में हल्दी का अनिवार्य तौर पर उपयोग होता है इसलिए हल्दी को बेहद शुभ माना है. इसके अलावा सुखद वैवाहिक जीवन के लिए गुरु ग्रह का शुभ होना जरूरी है और हल्दी का संबंध गुरु से है. लिहाजा मान्यता है कि दूल्हा-दुल्हन का हल्दी लगाने से उनका आगामी जीवन शुभ और सुखद होगा.
वहीं हल्दी एंटी बायोटिक होती है और कई तरह के इंफेक्शन से बचाव करती है. इसके अलावा यह खूबसूरती भी निखारती है. इसलिए दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले हल्दी-चंदन का उबटन लगाया जाता है.
मुस्लिम दूल्हा-दुल्हन को भी लगती है हल्दी
न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम समुदाय में भी शादी से पहले हल्दी की रस्म होती है. हालांकि वे इस रस्म को मायो कहते हैं. इसमें दुल्हन को पीले रंग के कपड़े और फूलों के गहनें पहनाए जाते हैं. फिर उसे हल्दी और मेहंदी लगाई जाती है. इसी तरह दूल्हे की भी ये रस्में होती हैं. मायो की रस्म शादी से 2-3 दिन पहले की जाती है.