मंगलवार का व्रत करने की विधि, जाने लाभ
Tuesday Fast : हिंदू धर्म में मंगलवार के व्रत का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने से हनुमान जी का आशिर्वाद प्राप्त होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मंगलवार भगवान हनुमान का दिन है. इस दिन भगवान हनुमान जी पूजा की जाती है. साहस, शक्ति और मान-सम्मान बढ़ाने के लिए इस दिन सफलतापूर्वक व्रत किया जा सकता है. क्रोधी और हिंसक प्रवृत्ति वाले लोग अपने जीवन में शांति पाने के लिए इस दिन पूजा और उपवास कर सकते हैं. इसके अलावा ये व्रत व्यक्ति के साहस और पराक्रम में वृद्धि लाने वाला माना जाता है.
भूत-प्रेत और बाधाओं से डरने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मंगलवार का व्रत वरदान साबित हो सकता है. आइए जानें मंगलवार के व्रत की विधि, इसका महत्व, व्रत करने की विधि और इस व्रत के फल की पूरी जानकारी.
मंगलवार का व्रत करने की विधि
पूजा के लिए दीया, अगरबत्ती, फल विशेष रूप से केला, पानी, फूल, कुमकुम, लाल रंग का कपड़ा और हनुमान मूर्ति या भगवान हनुमान यंत्र की जरूरत होगी. ये व्रत लगातार 21 मंगलवार तक करना चाहिए. इसलिए जो लोग इस व्रत को रखना चाहते हैं उन्हें व्रत या संकल्प से शुरुआत करनी चाहिए. व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें. स्नान करके घर के कोने-कोने सहित पूरे घर में गंगाजल छिड़कें. अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
श्री हनुमान जी की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं. भगवान को फूलों की माला, रोली, सिंदूर आदि चढ़ाएं और फल और भोग का प्रसाद चढ़ाएं. इस दिन आप हनुमान जी को चोल भी चढ़ा सकते हैं. इसके अलावा चमेली के तेल में रुई भिगोकर भगवान को अर्पित करें. पूजा के बाद, हनुमान चालीसा का पाठ करें और शाम को एक बार फिर चालीसा का पाठ करें और व्रत खोलने से पहले भगवान को भोग लगाएं.
मंगलवार का व्रत करने के लाभ
मंगलवार का व्रत करने से मंगल से संबंधित शुभ फल मिलते हैं. मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है, इसलिए जो कोई भी इस दिन व्रत रखता है, उसे भगवान हनुमान की अपार कृपा के साथ-साथ जीवन में सम्मान, शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है. मंगलवार का व्रत निःसंतान दंपत्तियों के लिए भी उत्तम उपाय बताया गया है. इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही मंगलवार का व्रत करने से मानव जीवन से अनिष्ट शक्तियों, दैत्यों और काली शक्तियों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है.