जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Rahu Transit 2022: राहु को छाया ग्रह और पाप ग्रह कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु की सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता है. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने में राहु की अहम भूमिका होती है. राहु भ्रम भी फैलाता है. जब राहु अशुभ होता है व्यक्ति का जीवन संघर्ष और कष्ट से भर देता है. राहु के कारण ही कुंडली में कालसर्प दोष, पितृदोष, जड़त्व दोष और अंगारक योग आदि का निर्माण होता है. ये सभी योग ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माने गए हैं. आने वाले दिनों में इन राशियों की मुश्किलें बढ़ाने जा रहा है.
राहु का भरणी नक्षत्र गोचार (Rahu in Bharini Nakshatra)
पंचांग के अनुसार राहु वर्तमान कृत्तिका नक्षत्र में है. जो की मेष राशि के अंर्तगत आता है. राहु इस नक्षत्र में 14 जून 2022 को प्रवेश करेगा. ये इस नक्षत्र के चतुर्थ पद में विचरण करेगा. जिसका स्वामी मंगल है.
मेष राशि: जिन लोगों की राशि मेष है उनके लिए राहु का गोचर कुछ मामलों में शुभ नहीं है. बीते 12 अप्रैल 2022 से राहु मेष राशि में गोचर कर रहे हैं. अब राहु का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है. विशेष बात ये है कि जिस नक्षत्र में राहु का परिवर्तन होने जा रहा है. वो मेष राशि के अंतर्गत आता है. राहु 14 जून 2022 से भरणी नक्षत्र के चतुर्थ पद में प्रवेश करेंगे. जिसका स्वामी मंगल है. मेष राशि का स्वामी भी मंगल है. मंगल के साथ राहु की जब भी किसी प्रकार से संबंध बनता है तो शुभ फल् प्राप्त नहीं होते हैं. जीवन में उथल-पुथल की स्थिति बनती है. जो लोग रोजगार की तलाश में हैं, उन्हें अधिक परिश्रम और संघर्ष करना पड़ सकता है. दांपत्य जीवन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान हर प्रकार से विवादों से बचने की जरूरत है. सेहत और धन का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
कर्क राशि: आपकी राशि के स्वामी चंद्रमा है. चंद्रमा की राहु से कड़ी शत्रुता है. इसलिए आपको भी कुछ मामलों में सर्तक और सावधान रहने की जरूरत है. राहु जून में धन संबंधी परेशानियों में वृद्धि कर सकता है. मानसिक तनाव और नकारात्मक विचारों में भी गति आ सकती है.
राहु के उपाय (Rahu ke Upay)
राहु को शांत रखने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखें और नियमों का पालन करें. शिव भक्तों को राहु परेशान नहीं करता है. भगवान शिव पर बेल और धतूरा चढ़ाने से भी राहु प्रसन्न होता है. इस मंत्र (rahu mantra) का रोज जाप करना चाहिए- ॐ राम राहवे नमः