नई दिल्ली : आज सोमवार को अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।भारतीय समय के मुताबिक यह 8 अप्रैल को 9:12 PM से शुरू होकर 9 अप्रैल 2:22 AM तक चलेगा। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट की होगी। 54 साल बाद यह पहला मौका है जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। खास बात ये है यह ग्रहण मीन राशि में लगेगा, जहां पहले से ही शुक्र ग्रह विराजमान है।हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, ऐसे में सूतककाल भी मान्य नहीं होगा।
इसलिए भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा तब पश्चिमी देशों में उदित होकर सूर्य पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप ग्रहण मार्ग के शहरों को लगभग 4:50 मिनिट तक घने अंधेरे में बदल देगा । सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के निकट रहकर बीच एवं एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के एक निश्चित भूभाग पर पूर्ण सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना दिखने जा रही है । भारतीय समय के अनुसार यह देर शाम 9:12:15 बजे आरंभ होकर रात्रि 2:22:19 बजे तक चलेगा । अधिकतम ग्रहण रात्रि 11:47:21 पर होगी । चूंकि इस समय सूर्यास्त होने के बाद रात्रि आरंभ हो चुकी होगी इसलिये यह भारत में दिखाई नहीं देगा ।
इन देशों में दिखाई देगा साल का पहला सूर्य ग्रहण
यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह दक्षिण प्रशांत महासागर, नॉर्थ अमेरिका, मेक्सिको , यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में दिखाई देखा। इसका कुछ भाग कोस्टा रिका, अरूबा, डोमिनिका और जमाइका में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण मैक्सिको में सिनालोओ से काहुइला संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास से मेन तक और कनाडा मे ओंटारियो से न्यूफाउलैंड तक होकर निकलेगा । आंशिक ग्रहण पूरे उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखेगा ।
कब लगता है सूर्य ग्रहण?
हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व है। खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।
एक गणना के अनुसार इस ग्रहण को कुछ न कुछ भाग विश्व की आबादी का लगभग 8.19 प्रतिशत लोग देख पायेंगे तो पूर्णग्रहण को लगभग 0.55 प्रतिशत आबादी देखने की स्थिति में होगी । 1 साल में दो से लेकर पांच तक सूर्य ग्रहण हो सकते हैं ।पूर्ण सूर्य ग्रहण लगभग हर 18 महीने बाद हो सकता है।किसी एक शहर या गांव में पूर्णसूर्यग्रहण होने के बाद दोबारा उसी शहर या ग्राम में दिखने की संभावना लगभग 375 साल बाद आती है ।
जानिए किन राशियों के लिए शुभ और अशुभ
वैदिक ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, कर्क और धनु राशि के लिए शुभ साबित होगा।
आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। कोई नया वाहन और प्रापर्टी खरीद सकते हैं। व्यापारी वर्ग को इस समय अच्छा धनलाभ हो सकता है। नए ऑर्डर मिल सकते हैं। प्रतियोगी छात्रों को किसी परीक्षा में सफलता मिल सकती है। निवेश में लाभ होगा।
वृश्चिक, कुंभ, मीन और मकर राशि के जातकों थोड़ा नुकसान दायक साबित हो सकता है। नए निवेश से भी बचना चाहिए। फिजूल का धन खर्च हो सकता है।वहीं इस दौरान आपकी सेहत खराब हो सकती है।वहीं वृष और तुला राशि के जातकों को ग्रहण का मिलाजुला असर रहने वाला है। इन लोगों को आर्थिक मामलों में अच्छा लाभ होगा।
ग्रहण में किन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान
वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रहण को भूलकर भी खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। सूतक काल में देवी देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए।
ग्रहण के दौरान भोजन पानी नहीं करना चाहिए , और खाने पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए।
ग्रहण के दौरान बाल-नाखून नहीं काटना चाहिए।गर्भवती महिलाओं को धारदार वस्तुओं के प्रयोग से बचना चाहिए।
ग्रहण में लोगों को मंत्र और भजन का जाप करना चाहिए। नौकरी में तरक्की के लिए सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनें और फिर सूर्य देव का ध्यान करके गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करें।