आज का दिन संतान से जुड़ी आपकी हर इच्‍छा को पूरा कर देगा

संस्‍कारी, सफल संतान पाने की इच्‍छा हर माता-पिता के मन में होती है लेकिन सभी की यह ख्‍वाहिश पूरी नहीं होती है. पुत्रदा एकादशी का दिन इस मनोकामना को पूरी करने के लिए बेहद खास है.

Update: 2022-01-13 03:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संतान सुख पाना और संतान का संस्‍कारी होना हर मां-बाप की ख्‍वाहिश होती है. इसके लिए वे कई तरह के जतन करते हैं. हिंदू धर्म में संतान सुख को भी कुछ खास दिनों से जोड़ा गया है. इसमें पुत्रदा एकादशी बेहद महत्‍वपूर्ण है. वैसे तो हर महीने में 2 बार एकादशी पड़ती है लेकिन पौष महीने की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं. इस साल यह आज यानी कि 13 जनवरी को मनाई जाएगी.

इसलिए खास है यह व्रत
जिन दंपत्ति को संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, पुत्रदा एकादशी व्रत उनके लिए बेहद खास है. यह व्रत करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है. वहीं जिन लोगों की संतान है, वे यदि यह व्रत रखें तो उनके बच्‍चे संस्‍कारी, आज्ञाकारी बनते हैं. साथ ही जीवन में खूब सफलता पाते हैं. लिहाजा मांओं के लिए यह व्रत रखना बेहद लाभकारी माना गया है. यदि व्रत ना भी रख सकें तो आज के दिन भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की विधि-विधान से पूजा करके संतान से जुड़ी अपनी इच्‍छा पूरी करने की प्रार्थना करें. इस भगवान प्रसन्‍न होकर मनोकामना पूरी करते हैं.
पुत्रदा एकादशी मुहूर्त और विधि
पुत्रदा एकादशी तिथि 12 जनवरी (बुधवार) की शाम 04:49 बजे से शुरू हो चुकी है और आज यानी कि 13 जनवरी (गुरुवार) की शाम 07:32 बजे तक रहेगी. हालांकि इस व्रत का पारणा कल यानी कि 14 जनवरी को किया जाएगा. पारणा के लिए समय शुक्रवार की सुबह 07:05 से 09:21 बजे तक रहेगा.
यह व्रत रखने के लिए सुबह स्‍नान करके घर के मंदिर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्‍प लें. इसके बाद भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें. उन्‍हें फूल और तुलसी दल अर्पित करें. भगवान की आरती करें और उन्‍हें सात्विक भोजन का भोग लगाएं. भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की भी पूजा करें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.


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