आज होगा कुबेर, लक्ष्मी, धन्वंतरि व यमराज का पूजन, नोट कर लें धनतेरस का पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन धन के देव कुबेर, मां लक्ष्मी, धन्वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परंपरा है। उक्त खरीददारी एक निश्चित शुभ मुहूर्त होता है। शुभ मुहूर्त में खरीददारी करने से उसका उचित फल प्राप्त होता है। इस बार धनतेरस दो नवम्बर को है। धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी मनाया जाता है। इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया की धनतेरस पर शुभ मुहूत में पूजन व खरीददारी करनी चाहिए।