आज शंकराचार्य जयंती, जानिए कौन थे 32 साल की आयु में देह त्यागने वाले आदि शंकराचार्य
हर साल वैशाख मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को शंकराचार्य जयंती मनायी जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर साल वैशाख मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को शंकराचार्य जयंती (Shankaracharya Jayanti) मनायी जाती है. आदि गुरू का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. जानें उनके बारे में. Also Read - सिलेबस से दीनदयाल उपाध्याय व आदि शंकराचार्य के अध्याय हटा रही है कमलनाथ सरकार: BJP
कौन हैं आदि शंकराचार्य
केरल के कालड़ी गांव में एक ब्राह्मण घर में इनका जन्म हुआ था. पिता का ना था शिवगुरु नामपुद्र और माता का विशिष्ठा देवी. ये भी कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य के रूप में भगवान शिव ने धरती पर अवतार लिया था. 32 वर्ष की आयु में अपना शरीर त्याग दिया था. Also Read - Childrens speaks truth in Shankaracharya mutt but pm modi speaks just lies says rahul gandhi । शंकराचार्य मठ में बच्चा बच्चा सच बोलता है लेकिन पीएम मोदी झूठ बोलते हैं- राहुल गांधी
आदि शंकराचार्य. (तस्वीर साभारः कांची कामकोटि पीठ)
आदि शंकराचार्य का योगदान
उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएं प्रसिद्ध हैं. इन्होंने चार मठों की स्थापना की थी. आज भी इन मठों पर आसीन संन्यासी 'शंकराचार्य' कहे जाते हैं. Also Read - Jayendra Saraswati : Adi Shankaracharya on birth year wrong government | जयेंद्र सरस्वती : आदि शंकराचार्य के जन्म वर्ष पर सरकार गलत
इनके द्वारा स्थापित मठ हैं-
ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम
श्रृंगेरी पीठ
द्वारिका शारदा पीठ
पुरी गोवर्धन पीठ
इन चारों मठ की स्थापना करने के उपरांत देश के कोने-कोने में घूम-घूम कर हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार किया. हिन्दू धर्म में आदि शंकराचार्य को देवत्व रूप माना गया है.