आज है बसंत पंचमी करे ये आसान उपाय...आप से प्रसन्न होंगी मां सरस्वती

माघ माह की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी कहते हैं और इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है.

Update: 2021-02-16 02:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्कमाघ माह की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी कहते हैं और इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. नाना प्रकार के मनमोहक फूलों से धरती प्राकृतिक रूप से संवर जाती है. खेतों में सरसों के पीले फूलों की चादर बिछी होती है और कोयल की कूक से दसों दिशाएं गुंजायमान रहती है. बसंत पंचमी को मां सरस्वती का दिन माना जाता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी को मनाया जा रहा है.

कैसे शुरू हुई बसंत पंचमी- बसंत पंचमी को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती (Saraswati puja) की पूजा की जाती है. पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी.
क्यों खास है बसंत पंचमी- इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधिकाल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान मिलता है. संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसे ठीक किया जा सकता है.
बसंत पंचमी पर ग्रह मजबूत करने के 10 उपाय
1. कुंडली में अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है
2. ऐसी दशा में मां सरस्वती की उपासना करें

3. मां को हरे फल अर्पित करें तो लाभदायक होगा

4. बृहस्पति के कमजोर होने पर विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है

5. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें

6. पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें

7. अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता भी होती है

8. करियर का चुनाव भी नहीं हो पाता है

9. ऐसी दशा में आज के दिन मां की उपासना करें

10. सफेद फूलों से मां की उपासना करना लाभदायक होता है 


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