जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से रहना चाहिए दूर
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान तो थे ही साथ ही वे एक अच्छे शिक्षक भी थे। इन्होंने विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर आचार्य के पद पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया। ये एक कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में विषम से विषम परिस्थितियों का सामना किया था परंतु कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। अगर कोई व्यक्ति की आचार्य चाणक्य की बातों का अनुसरण अपने जीवन में करता है, तो वह जीवन में कभी गलती नहीं करेगा और सफल मुकाम पर पहुंच सकता है। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार, अपने जीवन को शांतिप्रिय और सुखमय बनाए रखने के लिए मनुष्य हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिए। जो लोग अच्छा व श्रेष्ठ कार्य नहीं करते हैं, उन्हें जीवन में न तो सफलता मिलती है और न ही वे खुश रह पाते हैं। उन्हें हमेशा कोई न कोई भय और परेशानी घेरे रहती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो चार बातें।