Pradosh fast में ऐसे करें महादेव की पूजा

Update: 2024-09-09 11:02 GMT
Pradosh Vrat प्रदोष व्रत : प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत भाद्रपद माह में 15 सितंबर (प्रदोष व्रत तिथि 2024) को है. रविवार के दिन पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। ऐसे में उस दिन पूजा के दौरान शिव चालीसा का विधिपूर्वक पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि इसके पाठ से साधक को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और महादेव की कृपा से उसके जीवन में खुशियां आती हैं।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अगस्त को 1:42 बजे शुरू होती है और 16 सितंबर को 12:19 बजे समाप्त होती है। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसी उद्देश्य से 15 सितंबर को रवि प्रदोष व्रत रखा जाता है।

॥ शिव चालीसा ॥

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,

मंगल मूल सुजान ।

कहत अयोध्यादास तुम,

देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।

मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।

छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

मैना मातु की हवे दुलारी ।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा ।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी । 
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