वरुथिनी एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न...जाने पूजा विधि

आज वरुथिनी एकादशी का व्रत है। आज के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है।

Update: 2021-05-07 03:36 GMT

आज वरुथिनी एकादशी का व्रत है। आज के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। उनकी पूजा से कष्ट मिटते हैं, पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि वरुथिनी एकादशी की पूजा​ विधि क्या है?

वरुथिनी एकादशी मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि का प्रारंभ कल 06 मई दिन गुरुवार को दोपहर 02:10 बजे से हुआ है। इसका समापन आज दोपहर 03:32 बजे पर होना है।

वरुथिनी एकादशी पूजा विधि
आज एकादशी के दिन स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित कर दें। इसके बाद भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें। इसके बाद उनको पीले पुष्प, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, तुलसी का पत्ता, चरणामृत आदि अर्पित करें। इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। फिर वरुथिनी एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
दिन भर फलाहार रखते हुए भगवान विष्णु की आराधना में मन लगाएं। रात्रि के समय जागरण करें। फिर अगले दिन स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें और ब्राह्मणों को दान दें। फिर पारण करके व्रत को पूरा करें।
वरुथिनी एकादशी व्रत के पारण का समय
वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण 08 मई को प्रात: 05:35 बजे से सुबह 08:16 बजे के मध्य तक कर लेना चाहिए। द्वादशी तिथि का समापन 08 मई को शाम 05:20 बजे हो रहा है।


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