इस दिन है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी...जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

Update: 2021-07-31 03:40 GMT

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस तिथि को हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती मनाई जाती है। इस दिन खासकर मथुरा में जन्माष्टमी की विशेष धूम होती है। हालांकि पूरे देशभर के श्रीकृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। मंदिरों और घरों में लोग बाल गोपाल के जन्मोत्सव का आयोजन करते हैं और व्रत रखते हैं। नि:संतान दंपत्ति विशेष तौर पर जन्माष्टी का व्रत रखते हैं। वे बाल गोपान कृष्ण जैसी संतान की कामना से यह व्रत रखते हैं। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त दिन सोमवार को है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त, तिथि और व्रत पारण समय के बारे में।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2021 तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 29 अगस्त दिन रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 30 अगस्त दिन सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर होगा। भगवान श्रीकृष्ण जन्म रात्रि में हुआ था और व्रत के लिए उदया तिथि मान्य है, ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 30 अगस्त को है।

जन्माष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त 30 अगस्त को रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस दिन मध्यरात्रि मुहूर्त में ही बाल गोपाल का जन्मोत्सव होगा। इस दिन बाल कृष्ण की पूजा के लिए आपको कुल 45 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा।

जन्माष्टमी 2021 पारण सम

जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग मुख्यत: दिनभर व्रत रखते हैं और रात्रि में बाल गोपाल श्रीकृष्ण के जन्म के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं और उसी समय अन्न ग्रहण करके व्रत का पारण कर लेते हैं। हालांकि कई स्थानों पर अगले दिन प्रात: पारण किया जाता है। इस स्थिति में आप 31 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 44 मिनट के बाद पारण कर सकते हैं क्योंकि इस समय ही रोहिणी नक्षत्र का समापन होगा।

रोहिणी नक्षत्र का प्रारम्भ 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर होगा। 31 अगस्त को यानी जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का कार्यक्रम होगा।



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