धर्म अध्यात्म: भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में रामघाट पर भव्य आरती का आयोजन प्रतिदिन होता है. इस आरती में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. यह आरती शाम 6:45 से शुरू होती है. यहां बनारस की तरह ही भव्य आरती का आयोजन होता है.
चित्रकूट के रामघाट पर होनी वाली आरती को काशी से बुलाए गए पंडितों द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. जबकि इस आरती में चित्रकूट के साधु संत भी शामिल होते हैं. इसकी गूंज रामघाट के साथ मंदाकिनी के तट तक रहती है.
रामघाट की आरती में शंख भी बजाया जाता है और इससे अगल माहौल बनता है. इस आरती में चित्रकूट के साथ कई राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं.
माता अनुसुइया के तपोवल से मां मंदाकिनी उद्गम हुई है. उसी मंदाकानी के तट पर भव्य आरती का अयोजन होता है. मान्यता है कि जीवन में हर व्यक्ति को एक बार आरती में जरूर शामिल होना चाहिए. यदि इस नदी में कोई स्नान करता है, तो मोक्ष मिलता है.
रामघाट पर आप नौकायान भी कर सकते हैं. नाव की यात्रा का चित्रकूट के रामघाट में काफी बड़ा महत्व माना जाता है. लोग भी इसका जमकर लुत्फ उठाते हैं.
मान्यता है कि रामघाट पर प्रभु राम वनवास काल के समय स्नान भी किया करते थे. जबकि अमावस्या के मौके पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचकर चित्रकूट के मंदाकिनी में स्नान जरूर करते हैं.
चित्रकूट के रामघाट में रहीम की कुटिया के साथ तुलसी गुफा देखने के लिए मिलेगी. इस जगह लोगों की खूब भीड़ नजर आती है..