3 साल में एक दिन रखा जाता है यह चतुर्थी व्रत

Update: 2023-07-27 12:07 GMT
धर्म अध्यात्म: अधिक मास में रखा जाने वाला विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत तीन साल में एक बार रखा जाता है। पंचांग के अनुसार यह व्रत श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
3 साल में एक दिन रखा जाता है यह चतुर्थी व्रत, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
कब रखा जाएगा विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत?
विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत श्रावण अधिक मास की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाएगा।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत तीन साल में एक बार रखा जाता है।
आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत?
प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश को समर्पित चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस वर्ष 3 साल में एक बार रखा जाने वाला विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की उपासना करने से और रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत?
विभुवन संकष्टि चतुर्थी 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 अगस्त दोपहर 02 बजकर15 मिनट से शुरू होगी और 05 अगस्त को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत 4 अगस्त 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। साथ ही व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। बता दें कि इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 09 बजकर 10 मिनट है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अधिक मास की संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है और साधक को बल एवं बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही कई प्रकार के ग्रह दोष से भी मुक्ति प्राप्त हो जाती है। यह व्रत रखने से परिवार में सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है।
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