जीवन में कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छे से करें विचार, आचार्य चाणक्या की कहीं ये 4 बातें जरूर याद रखें

आपदा को अवसर में कैसे बदला जाता है, ये आचार्य चाणक्य को अच्छी तरह से आता था.

Update: 2022-05-14 03:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपदा को अवसर में कैसे बदला जाता है, ये आचार्य चाणक्य को अच्छी तरह से आता था. आचार्य ने अपनी सूझ बूझ और कुशल रणनीति की बदौलत ही पूरे नंदवंश का नाश कर एक साधारण बालक को सम्राट बनाया था. आचार्य की नीतियों से आज भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है. यहां जानिए आचार्य की 4 बड़ी सीख के बारे में.

जिस तरह आग में घी डालने से आग बढ़ती है और कोई भी बड़ा नुकसान कर सकती है, उसी तरह से क्रोधी व्यक्ति को क्रोध दिलाने से वो अपना संतुलन खो सकता है और इससे दूसरों के साथ साथ आपका भी अहित कर सकता है.
सुख का आधार धर्म है. धर्म का आधार अर्थ यानी धन है. अर्थ का आधार राज्य है और राज्य का आधार अपनी इन्द्रियों पर विजय पाना है.
जो व्यक्ति अक्सर झूठ बोलता है, वो एक न एक दिन अपनी ही कही बातों में फंस जाता है और उसका झूठ पकड़ा जाता है. ऐसे में वो दूसरों के बीच विश्वास तो खोता ही है, साथ ही उसके मान सम्मान में भी काफी कमी आ जाती है. इसलिए किसी भी बात के लिए कभी झूठ का सहारा न लें.
शासक को स्वयं योग्य बनकर योग्य प्रशासकों की सहायता से शासन करना चाहिए. मुसीबत के समय राजा स्वयं सारे निर्णय अकेले नहीं ले सकता. उस वक्त आपके योग्य सहायक ही सही निर्णय लेने में आपके लिए मददगार साबित होते हैं.
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