ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में चार धाम की यात्रा को पुण्यदायी माना गया है इस धर्म को मानने वाले अधिकतर लोग अपने जीवन में एक न एक बार चारधाम की यात्रा कर पुण्य को प्राप्त करना चाहते हैं इस साल चार धाम यात्रा का आरंभ 10 मई से हो चुका है। लाखों भक्त यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी करा चुके है।
आपको बता दें कि चार धाम यात्रा में उत्तराखंड स्थिति यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चार धाम की यात्रा करने से मनुष्य को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। चार धाम यात्रा में किन देवी देवताओं की पूजा होती है आज हम आपको इसी विषय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
किन देवी देवताओं की होती है पूजा—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चार धाम यात्रा जीवन में सुख शांति प्रदान करता है उत्तराखंड स्थिति चार धामों की यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है यमुनोत्री में मां यमुना की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है यहां पर माता यमुना की पूजा की जाती है। वही यमुनोत्री के बाद आता है गंगोत्री धाम। यह चार धाम का दूसरा पड़ाव होता है। यहां पर मां गंगा की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है। मां गंगा को समर्पित इस धाम में माता की विधिवत पूजा की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी गंगा का आशीर्वाद मिलता है।
चार धाम यात्रा तीसरा पड़ाव है केदारनाथ धाम। यहां पर भगवान शिव की पूजा होती है। माना जाता है कि केदारनाथ धाम का निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा कराया गया था। बाद में आदिगुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर की मरम्मत का कार्य कराया था। चार धाम की यात्रा का चौथा और आखिरी पड़ाव है बद्रीनाथ धाम। यहां पर बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है जो कि जगत के पालनहार कहलाते हैं। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु की शालिग्राम की स्वयंभू प्रतिमा स्थापित है।