गरुड़ पुराण की ये 7 बातें जीवन की नैया को पार लगा देंगी

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण की संज्ञा दी जाती है. इसके 19 हजार श्लोकों में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ और भगवान नारायण की वार्तालाप के जरिए लोगों को मानव कल्याण की राह दिखाई गई है

Update: 2021-06-23 04:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में ऐसे कई ग्रंथ हैं जो व्यक्ति को जीवन जीने की कला, नियम और नीतियों से वाकिफ कराते हैं. गरुड़ पुराण भी उन ग्रंथों में से एक है. इसे महापुराण की संज्ञा दी जाती है. गरुड़ पुराण के अधिष्ठातृ देवता भगवान विष्णु हैं. इस महापुराण के 19 हजार श्लोकों में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ और भगवान नारायण की वार्तालाप के जरिए लोगों को मानव कल्याण की राह दिखाई गई है, साथ ही कर्मों के आधार पर मृत्यु के पश्चात की तमाम स्थितियों का भी वर्णन किया गया है. इन सभी बातों का महत्व व्यक्ति को धर्म के मार्ग की ओर अग्रसर करना है. यहां जानिए गरुड़ पुराण में लिखी उन बातों के बारे में जो आपके जीवन की नैया को पार लगा सकती हैं.

1. यदि किसी काम में सफलता चाहिए तो प्रयासों का सिलसिला कभी मत छोड़िए. अभ्यास व्यक्ति को किसी कार्य में दक्ष बनाता है.
2. यदि आप पर मां सरस्वती की कृपा है और आप तमाम विषयों के ज्ञाता हैं, तो भी आपको अपने ज्ञान और कला पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए. न ही स्वयं को उच्च दिखाते हुए किसी दूसरे को नी​चा दिखाना चाहिए. ऐसा करने से मां सरस्वती रुष्ट हो जाती हैं और व्यक्ति के ज्ञान का पतन शुरू हो जाता है.
3. यदि शत्रु का सामना करना हो तो शत्रु की तरह ही सोचें और व्यवहार करें क्योंकि आपका शत्रु हर पल आपको नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करेगा. यदि आप उसकी तरह सोचेंगे तो आपके लिए उसके हर दांव को समझना आसान होगा.
4. सुबह जल्दी उठने से व्यक्ति को शुद्ध हवा मिलती है और उसके लंग्स मजबूत होते हैं. इसके अलावा भी उसकी सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं. जबकि देर से उठने पर आयु घटती है. इसलिए हमेशा सुबह जल्दी उठने की आदत डालें.
5. व्यक्ति को हमेशा स्वच्छ वस्त्र ही धारण करने चाहिए. ऐसा न करने पर मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और उस व्यक्ति के घर बरकत नहीं होती. साथ ही कई तरह की बीमारियों का जोखिम भी बना रहता है.
6. किसी के प्रति जलन या ईर्ष्या रखने से व्यक्ति स्वयं को नष्ट करता है. ईर्ष्या व्यक्ति को कभी आगे नहीं बढ़ने देती है और ऐसा व्यक्ति हमेशा कुंठित रहता है.
7. संगत का असर हर एक पर पड़ता है, इसलिए किसी को भी मित्र बनाने से पहले उसके आचरण के बारे में जरूर जान लें. गलत संगत से सिर्फ आपका ही नुकसान नहीं होता, बल्कि परिवार के लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.


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