देवी-देवताओं की पूजा में माला जप के है फायदे, जानिये किस माला से करना चाहिए किस भगवान का जप
ईश्वर की साधना के लिए तमाम तरह के नियमों में माला जप की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. सनातन परंपरा में अमूमन 108 मनकों की माला का प्रचलन रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- ईश्वर की साधना के लिए तमाम तरह के नियमों में माला जप की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. सनातन परंपरा में अमूमन 108 मनकों की माला का प्रचलन रहा है. गौरतलब है कि हिंदू धर्म में 108 को शुभ अंक माना गया है. विभिन्न प्रकार के पेड़ों और रत्नों से जुड़ी माला का संबंध ग्रह एवं देवता विशेष से होता है. देवता विशेष का आशीर्वाद या फिर कहें साधना की सिद्धि के लिए अक्सर इस माला को आप लोगों के हाथ में जपते हुए पाएंगे.
हिंदू देवी–देवताओं की पूजा के लिए अलग–अलग माला से जप का प्रावधान है. जिनसे जप करने पर साधक की कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. जैसे गणपति की साधना के लिए हांथी दांत, लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से जप करने का विधान है तो वहीं भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाता है. कुछ ऐसे ही माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमलगट्टे और देवी दुर्गा, माता लक्ष्मी आदि का विशेष आशीर्वाद पाने के लिए लाल चंदन की माला से जप करने का विधान है. वहीं भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के लिए सफेद चंदन या तुलसी की माला से जप किया जाता है. आइए इन मालाओं की विशेषता के बारे में विस्तार से जानते हैं –