वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है। इसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम और उसके रख रखाव का तरीका बताया गया है। जिसके अनुसार चलने से व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं लेकिन इनकी अनदेखी जीवन में समस्याओं को बढ़ावा देती है।
वास्तुशास्त्र में रसोई घर को लेकर भी कई तरह के नियम बताए गए है जिनका पालन करना जरूरी है तो आज हम आपको बता रहे हैं कि रसोई का किस दिशा और स्थान पर होना शुभ माना जाता है और कहां होना अशुभ बताया गया है, तो आइए जानते है।
रसोई से जुड़े वास्तुटिप्स—
वास्तुशास्त्र की मानें तो रसोई घर हमेशा ही दक्षिण पूर्व दिशा में ही बनवाना चाहिए। इसके अलावा आप उत्तर पश्चिम दिशा में भी इसका निर्माण करवा सकते है। इस दिशाओं को किचन के लिए शुभ बताया गया है। इसके अलावा उत्तर, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व दिशा में भूलकर भी रसोई का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। इसे बेहद ही अशुभ बताया गया है। इस दिशा में रसोई होने से गृहक्लेश बढ़ जाता है साथ ही आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
अगर आपके घर की रसोई दक्षिण दिशा में बनी हुई है तो ऐसे में आप चूल्हे को पूर्व दिशा में रख सकते हैं। लेकिन रसोई में डाइनिंग टेबल नहीं रखना चाहिए अगर जरूर हो तो आप इसे पश्चिम दिशा या उत्तर पश्चिम दिशा में भी रख सकते है। वास्तुविज्ञान की मानें तो रसोई में बर्तन धोने के लिए सिंक हमेशा ही उत्तर पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए इसे अच्छा माना जाता है। वही अनाज रखने के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा को सबसे अधिक शुभ बताया गया है।