आज से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना, भूलकर न करें ये गलतियां

आज यानी 25 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना. ये महीना शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.

Update: 2021-07-25 01:55 GMT

आज यानी 25 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का पावन महीना. ये महीना शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में जो भगवान शिव की श्रद्धा- भक्ति से पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चल जाते हैं और अगले चार महीने के लिए भगवान शिव सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जिम्मेदारी निभाते हैं.

शिवभक्त सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रक रखते हैं. कहते हैं कि सावन का व्रत रखने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है और जीवन में सुख – समृद्धि आती है. अगर सुहागिन महिलाएं सावन में व्रत रखती है तो उनकी पति की उम्र लंबी होती है. इस महीने में भोलेनाथ पर भाग, धतूरा, बेलपत्र आदि चढ़ाना चाहिए. इस महीने में कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है और कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं सावन के महीने में किन कार्यों को नहीं करना चाहिए.

सावन के पावन महीने में खाने -पीने की चीजों को लेकर खास सावधानियां बरतनी चाहिए. इस महीने में मांस – मछली नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा लहसुन प्याज खाना भी वर्जित माना गया है. सावन में सात्विक भोजन करना चाहिए.

सावन के महीने में पत्तेदार सब्जियों को खाने से परहेज करना चाहिए. शास्त्रों में इन सब्जियों को पित्त बढ़ाने वाला माना गया है. क्योंकि इन सब्जियों में कीड़े जल्दी लगते हैं और इसे खाने से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.

सावन में शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं. क्योंकि शिवलिंग पुरूष तत्व होता है. इसके अलावा दूध का सेवन भी कम करना चाहिए. हालांकि शिवलिंग पर सावन में दूध चढ़ाना शुभ माना जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है. इसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.

सावन के महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में भी बैंगन को अशुद्ध माना गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस महीने में बैंगन खाने से परहेज करना चाहिए. क्योंकि इसमें कीड़े जल्दी लग जाते हैं, इसलिए स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.

सावन के महीने में अगर कोई सांड या गाय आ जाए तो उसे मारकर भगाने की बजाय कुछ खाने को दे दें. माना जाता है कि सांड को मारना शिव जी की सवारी नंदी को मारने के समान है.

शास्त्रों में भी कहा गया है कि सावन के महीने में बुरे विचार नहीं लाना चाहिए और इस महीने में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.

यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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