एक घंटे बाद लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए कितने देर तक रहेगा असर
जानिए कितना होगा चंद्र ग्रहण का असर
नई दिल्ली। साल का पहला चंद्र ग्रहण कुछ ही देर में लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि करीब 1 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लग रहा है. चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है और चंद्रमा पर छाया डालती है. यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लगेगा, इसलिए भारतीयों को इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि कई ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पश्चिमी देशों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ सकता है. इससे वहां कई देशों में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने की भी आशंका है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा. जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने की बात है तो खगोल शास्त्रियों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह कोई विशिष्ट चंद्र ग्रहण नहीं है बल्कि एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. पूर्ण चंद्रग्रहण और आंशिक चंद्रग्रहण के बीच की एक स्थिति होती है और उसे ही उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के हल्के बाहरी क्षेत्र में गुजरता है, जिसे पेनम्ब्रा कहा जाता है. यानी पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया न पड़कर उपछाया मात्र पड़ती है.
पेनम्ब्रा एक ऐसा क्षेत्र है जहां पृथ्वी सूर्य की डिस्क के हिस्से को ढकती हुई प्रतीत होती है लेकिन पूरी नहीं. इसका मतलब यह है कि जब चंद्रमा पेनम्ब्रा के भीतर होता है तो उसे सूर्य से कम रोशनी मिलती है और वह मंद हो जाता है लेकिन फिर भी कुछ हद तक रोशन रहता है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से देखना संभव नहीं होता है यह दूरबीन आदि की मदद से देखा जा सकता है. उपछाया या पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण में चांद के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से आम दिनों की तरह ही दिखाई देता है. ज्योतिषविदों का कहना है कि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है. हालांकि 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. आप बिना किसी संकोच के पूजा-पाठ कर सकते हैं. साथ ही भोजन, विश्राम या दैनिक कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. गर्भवती महिलाओं को भी किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.