कालीघाट काली मंदिर का कपाट भक्तों के लिए खुला, जानें इस वजह से खास है यह शक्तिपीठ
कोविड-19 (Covid-19) महामारी की वजह से बंद किए गए
कोविड-19 (Covid-19) महामारी की वजह से बंद किए गए कोलकाता के ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालीघाट (kalighat) स्थित काली मंदिर (Kali Mandir) को आज से एक बार फिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश को वर्जित कर दिया गया है. बंगाल में कोरोना वायरस (Corona Virus) की स्थिति में मामूली सुधार के कारण विभिन्न मंदिरों और तीर्थस्थलों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल रहे हैं.
बता दें कि कालीघाट काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां सती के दाएं पांव की 4 अंगुलियों (अंगूठा छोड़कर) का पतन हुआ था. यहां की शक्ति 'कालिका' व भैरव 'नकुलेश' हैं. इस पीठ में काली की भव्य प्रतिमा मौजूद है, जिनकी लंबी लाल जिह्वा मुख से बाहर निकली है. इस मंदिर की भक्तों के बीच काफी मान्यता है और यहां भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
बिना मास्क मंदिर में प्रवेश है वर्जित
कालीघाट मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह खुले. मंदिर सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहेगा. इस दौरान भक्त पूजा की थाल के साथ प्रवेश कर सकेंगे. पूजा करने में कोई बाधा नहीं है. हालांकि मां काली की पूजा उचित कोविड नियमों के अनुसार ही करनी होगी. मंदिर में बिना मास्क के प्रवेश वर्जित है. शारीरिक दूरी के अनुसार पूजा की लाइन में खड़ा होना होगा. अधिकारियों ने ऐसे कई नियमों का पालन करने के बाद ही भक्तों के लिए मंदिर खोलने का फैसला किया है. हालांकि लंबे समय के बाद आज सुबह श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में पूजा करने का मौका मिला है.राज्य में सख्त पाबंदियां लगने के बाद से मंदिर को गत पांच मई को बंद कर दिया गया था. संक्रमण से बचने के लिए मंदिर के अधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया था.
कोरोना संक्रमण में कमी के बाद खुल रहे हैं मंदिर
पश्चिमबंगाल अब कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, तो मंदिर को कोरोना नियमों के अनुसार फिर से खोल दिया गया. तारकेश्वर और तारापीठ के मंदिर पिछले सप्ताह खोले गए हैं. अब दक्षिण कोलकाता के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक कालीघाट मंदिर साल भर बड़ी संख्या में भक्तों से भरा रहता है. मंगलवार सुबह देखा मंदिर के बाहर लंबी लाइन दिखी, लेकिन सभी नियमों का पालन करते हुए लाइन में खड़े रहे.