देवी मां इसलिए धारण करती हैं अस्त्र-शस्त्र
हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की आराधना बड़े ही श्रद्धा-भाव से की जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की आराधना बड़े ही श्रद्धा-भाव से की जाती है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के पूजन-अर्चन का विशेष महत्त्व है. मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है और इनको महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन कई बार मां की तस्वीर या मूर्ति को देखते समय एक बात बहुत लोगों के मन में आती है. वो ये, कि आखिर मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र धारण करने का रहस्य क्या है और ये माता को किसने भेंट किये थे? तो आइये आज हम आपकी इस जिज्ञासा को कुछ कम करते हैं.
मां इसलिए धारण करती हैं अस्त्र-शस्त्र
देवी भागवत पुराण के अनुसार महिषासुर जो कि एक असुर था, का आतंक बहुत बढ़ गया था. तब देवराज इंद्र सभी देवताओं के साथ त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश के पास गए और महिषासुर की शक्ति और आतंक के बारे में उनको बताया. सभी देवताओं ने त्रिदेवों से रक्षा की गुहार की, तो ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों के शरीर से शक्ति का पुंज निकल कर एकत्र हुआ, जिसने मां दुर्गा का रूप ले लिया. उस समय सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्ति देवी दुर्गा को प्रदान की थी, जिसमें अस्त्र-शस्त्र भी शामिल थे. उसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का वध करके देवताओं और सारी सृष्टि को उस असुर के आतंक से मुक्त किया था. मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र धारण करने का उद्देश्य दैत्यों का नाश करना और भक्तों को अभयदान देना था.
त्रिशूल
भगवान शिव ने मां दुर्गा को त्रिशूल भेंट किया था. महिषासुर का वध मां ने इसी त्रिशूल से किया था. शास्त्रों के अनुसार त्रिशूल के तीन शूल सत्व, तमस और रज गुणों का प्रतीक हैं. कहा जाता है कि इनके संतुलन से ही सारी सृष्टि टिकी हुई है.
तलवार
मां दुर्गा को भगवान श्री गणेश ने तलवार भेंट की थी. शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा की तलवार की धार बुद्धि की तेजी और उसकी चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है.
सुदर्शन चक्र
मां दुर्गा को भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र भेंट किया था. कहा जाता है कि ये सृष्टि का केंद्र है और ब्रह्मांड इसके इर्द गिर्द घूमता है.
भाला
भाला मां दुर्गा को अग्निदेव के द्वारा भेंट किया गया था. माना जाता है कि यह उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक है. जो कि सही और गलत का भेद करता है.
वज्र
भगवान इंद्र ने मां को वज्र की शक्ति का उपहार भेंट किया था. शास्त्रों के अनुसार यह आत्मा की दृढ़ता, मजबूत इच्छा शक्ति का प्रतीक है.
धनुष-बाण
धनुष और बाण यानी तीर मां दुर्गा को पवनदेव और सूर्यदेव द्वारा भेंट किये गए थे. मान्यता है कि धनुष स्थितिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और बाण गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है.
फरसा
मां दुर्गा को फरसा यानी कुल्हाड़ी भगवान विश्वकर्मा ने प्रदान की थी. इसको बुराई से लड़ने और परिणाम से भयभीत न होने का प्रतीक माना जाता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.