सावन के दूसरे सोमवार पर बना खास संयोग, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि

सावन महीने के सभी सोमवार शिव जी के लिए व्रत रखने, पूजा-अभिषेक करने के लिए बहुत खास होते हैं

Update: 2021-08-02 02:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन महीने के सभी सोमवार शिव जी के लिए व्रत रखने, पूजा-अभिषेक करने के लिए बहुत खास होते हैं. आज (2 अगस्‍त) को सावन महीने का दूसरा सोमवार (Sawan 2nd Somwar) है. इस दिन शिवलिंग (Shivling) का पंचामृत से अभिषेक करके बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेल फूल आद‍ि अर्पित करने से शिव जी प्रसन्‍न होते हैं. सावन के दूसरे सोमवार पर एक खास संयोग भी बन रहा है. आज कृतिका नक्षत्र रहेगा और कृष्‍ण पक्ष की नवमी तिथि रहेगी. चूंकि नवमी तिथि देवी दुर्गा को समर्पित है, सोमवार को चंद्र का दिन माना जाता है और कृतिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य एवं शुक्र हैं. ऐसे में ज्योतिष (Astrology) के अनुसार यह दिन बहुत खास है.

शिव के साथ सूर्य-चंद्र की भी पूजा
ऐसे विशेष संयोग (Vishesh Sanyog) में शिव जी की पूजा करने से तो बहुत लाभ मिलेगा ही, साथ ही आज का दिन सूर्य और चंद्र देव की पूजा करने के लिए भी अच्‍छा है. इससे कुंडली में सूर्य और चंद्र का सकरात्‍मक असर बढ़ेगा. सावन के दूसरे सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से सारी समस्‍याएं दूर होंगी.
शिव- पूजा के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:47 बजे से 05:32 बजे तक
अभिजीत : दोपहर 12:19 बजे से 01:11 बजे तक
गोधुली मुहूर्त : शाम 07:01 बजे से 07:25 बजे तक
अमृत काल : रात 08:01 बजे से 09:49 बजे तक
सावन सोमवार की पूजा-विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्‍नान करें. पूजा घर में दीपक जलाएं. व्रत का संकल्‍प लें. शिवलिंग का गंगा जल, कच्‍चे दूध से अभिषेक करें. सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. शिव जी को बेल पत्र, धतूरा, सफेल फूल चढ़ाएं. सात्विक चीजों का भोग लगाकर आरती करें. इस दिन केवल फलाहार करें और पारणा अगले दिन करें. पूरे दिन में जितना संभव हो सके शिव जी की आराधना करें. शाम को भी शिव जी की आरती करें.


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